देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को जीएसटी से जुड़े एक मामले में नोटिस मिला है. मारुति ने जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी को जीएसटी प्राधिकरण की ओर से एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है. कंपनी को यह नोटिस पहले से चुकाए गए कर को वसूलने, ब्याज की मांग करने और जुर्माना लगाने के लिए जारी किया गया है. कंपनी ने कहा वह निर्णय प्राधिकारी के समक्ष कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करेगी.
जीएसटी प्राधिकरण ने कारण बताओ नोटिस में मारुति सुजुकी को कुल 139.3 करोड़ रुपए जमा करने को कहा है. शेयर बाजार इस नोटिस की जानकारी देते हुए मारुति सुजुकी इंडिया ने बताया कि नोटिस जुलाई 2017 से अगस्त 2022 के दौरान प्रदान की गई कुछ सेवाओं पर ‘रिवर्स चार्ज’ के आधार पर कर देनदारी के मामले से जुड़ा हुआ है.
आइए जानते हैं कि जीएसटी प्राधिकरण द्वारा नोटिस में बताया गया ‘रिवर्स चार्ज’ क्या है. दरअसल रिवर्स चार्ज आपूर्ति की अधिसूचित श्रेणियों के संबंध में कर भुगतान के दायित्व को बताता है. यह दायित्व ऐसी वस्तुओं या सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के बजाय वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति प्राप्त करने वालों होता है.
मारुति ने इस कारण बताओ नोटिस के संबंध में शेयर बाजार को बताया है कि नोटिस के कारण उसकी वित्तीय, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. मारुति सुजुकी ने यह भी कहा है कि वह नोटिस का जवाब दाखिल करेगी.
कंपनी ने यह भी कहा कि उसे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से एक अनुकूल आदेश मिला है जिसमें जून 2006 से मार्च 2011 की अवधि के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा दायर अपील खारिज कर दी गई है. केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने अगस्त 2016 के पहले ट्रिब्यूनल आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की थी, जो कंपनी के पक्ष में पारित किया गया था. इसमें कुछ सेवाओं पर इनपुट सेवा क्रेडिट की अनुमति दी गई थी और इसके खिलाफ जुर्माना भी हटा दिया गया था. कंपनी ने कहा, कि विभाग की अपील में शामिल कुल कर और जुर्माना राशि 57.2 करोड़ रुपये थी.