अभी भी ऐसे कई आयकरदाता है, जिनको वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिफंड नहीं मिला है. इन आयकरदाताओं को रिफंड न मिलपाने की वजह खुद आयकर विभाग ने बताई है. आयकर विभाग ने कहा है कि ये वो करदाता हैं, जिनसे टैक्स के मामले में कुछ अतिरिक्त जानकारी मांगी गई हैं. आयकरदाताओं ने अभी तक मांगी गई सूचनाओं का जवाब नहीं दिया है, इसलिए उनके रिफंड को प्रोसेस करने में देरी हो रही है.
आयकर विभाग ने अब ऐसे करदाताओं से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिफंड के तेजी से निपटान के लिए पिछले वर्षों की बकाया मांगों के संबंध में मांगी गई सूचना का जवाब देने को कहा है.
कुछ करदाताओं ने पिछली लंबित कर मांगों के संबंध में आयकर विभाग द्वारा सूचना मांगने के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा था. इसके बाद विभाग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि यह कदम करदाताओं के भले के लिए है, जहां प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप उन्हें अवसर दिया जा रहा है.
विभाग ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में अर्जित आय के लिए 7.09 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं. इनमें से 6.96 करोड़ आईटीआर सत्यापित किए जा चुके हैं, और 6.46 करोड़ रिटर्न अब तक प्रोसेस किए जा चुके हैं. इनमें 2.75 करोड़ रिफंड रिटर्न भी शामिल हैं.
आयकर विभाग ने कहा कि हालांकि, ऐसे कुछ मामले हैं, जिनमें करदाता को रिफंड बकाया है, क्योंकि इन्होंने अबतक पिछली कर मांगें पूरी नहीं की हैं. करदाता को ऐसी कर मांगों को स्वीकार्य करना, अस्वीकार्य करना या स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता होती है. आयकर विभाग ने कहा है कि वह समय पर आयकर रिटर्न को प्रोसेस करने और रिफंड जारी करने का अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रहा है.