आप टैक्सेबल इनकम में आए या नहीं लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जरूर भरना चाहिए. इससे बड़े फायदे हैं – TDS कटा है तो रिफंड ले सकते हैं, कर्ज के लिए आवेदन दे रहे हैं तो काम आएगा और कोई घाटा हुआ है तो भविष्य में उसे कैपिटल गेन से सेट-ऑफ करवा पाएंगे. अब तक इनकम टैक्स भरना और आसान हो गया है – ITR सहज फॉर्म (ITR Sahaj Form) के जरिए. दरअसल सरकार ने लोगों की आय के मुताबिक अलग-अलग फॉर्म बनाए हैं. इसमें ITR-1 फॉर्म को ही सहज नाम दिया गया है. इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए आपका आधार कार्ड आपके PAN कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है.
जो भी भारतीय नागरिक हैं और उसकी कुल आय 50 लाख रुपये से कम है या नौकरी से मिलने वाली सैलरी से आय होती है, किसी प्रॉपर्टी से आय होती है या फिर किसी निवेश पर ब्याज से आय हो ही है तो उन्हें ITR सहज फॉर्म भरना होता है. साथ ही अगर खेती-बाड़ी से आपकी आय 5 हजार रुपये तक है तो ही आप ये फॉर्म भर सकते हैं.
वहीं अगर आपके पास एक से ज्यादा घर हैं, कोई व्यवसाय करते हैं या कोई लॉटरी जैसा इनाम जीता है तो आप इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
फॉर्म का सैंपल यहां क्लिक कर देख सकते हैं
इस फॉर्म को आप ऑफलाइन या ऑनलाइन भर सकते हैं. ऑफलाइन भरना चाहते हैं तो आपको ITR फॉर्म डाउनलोड करना होगा, फिर इसे भरकर XML फाइल में सेव करना होगा और फिर उसे अपलोड करना होगा. इसके लिए आपको या तो एक्सल यूटिलिटी या फिर जावा यूटिलिटी डाउनलोड करना होगा. आप इसकी पूरी प्रक्रिया यहां पढ़ सकते हैं.
वहीं अगर आप ITR फॉर्म ऑनलाइन भरना चाहते हैं तो प्रक्रिया बेहद आसान है. आपको इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.inपर जाना होगा. यहां आप PAN नंबर को आईडी के तौर पर भरकर और पासवर्ड डालकर लॉग-इन कर सकते हैं. अगर आपका लॉग-इन नहीं बना तो आपको पहले लॉग-इन क्रिएट करना होगा. इनकम टैक्स रिटर्न लिंक पर आपको ई-फाइल पर क्लिक करना होगा. फिर आपको ITR फॉर्म सहज चुनना होगा. फाइलिंग टाइप में ओरिजिनल या रिवाइज्ड रिटर्न – आप जो भर रहे हों वो डालना होगा और सबमिशन मोड में ‘Prepare and Submit Online’ चुनना होगा. इसके बाद आपका फॉर्म खुलेगा जिसमें अधिकतर जानकारी पहले से लिखी आएगी. या आप जो जानकारी देना चाहें वो दे सकते हैं. इसके बाद आपको ई-वेरिफाई कराना होगा. अगर आप तब ई-वेरिफिकेशन नहीं कराते तो 120 दिनों के अंदर कराना होता है.
ई-वेरिफाई आप आधार के तहत रजिस्टर्ड नंबर पर OTP के जरिए या नेट बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन ही कर सकते हैं.
ऑनलाइन फॉर्म भरने पर आपको ई-मेल पर इसका प्रमाण आता है. आप इनकम टैक्स की वेबसाइट से डाउनलोड भी कर सकते हैं.
1 अप्रैल से अब ITR फॉर्म में काफी सारी जानकारियां पहले से भरी होंगी. ITR फॉर्म में टैक्सपेयर्स की सैलरी की जानकारी, टैक्स पेमेंट, TDS जैसी जानकारियां पहले से मौजूद हैं, जिससे कंप्लायंस का बोझ कम हो.
अब ITR फॉर्म में कई सारी जानकारियां पहले से भरी होंगी. अब तक के ITR फॉर्म (ITR Forms) में सैलरी, टैक्स पेमेंट, TDS का ब्यौरा प्री-फील्ड रहता था, लेकिन अब लिस्टेड सिक्योरिटीज से कैपिटल गेन, डिविडेंड इनकम और बैंकों, पोस्ट ऑफिस से मिलने वाले ब्याज की भी जानकारी भरी रहेगी. इससे रिटर्न भरना आसान हो जाएगा. CBDT के मुताबिक, कोविड संकट को देखते हुए इस बार के ITR फॉर्म में मामूली बदलाव ही किए गए हैं.
CBDT ने 1 अप्रैल को किया था ITR फॉर्म को नोटिफाई किया था. अमूमन 31 जुलाई तक हर साल रिटर्न भरना होता है. लेकिन, पिछला साल अलग रहा क्योंकि कोविड की वजह से 10 जनवरी 2021 तक करदाता को रिटर्न भरने का समय मिला. अभी तक तो यही लग रहा है कि 31 जुलाई तक ही रिटर्न भरना होगा. लेकिन, इस साल जो अहम बदलाव हुआ है वो देरी से रिटर्न भरने वालों के लिए हुआ है. हर बार 31 मार्च तक रिवाइज्ड रिटर्न भरने का समय मिलता था, लेकिन इस साल से रिवाइज़ रिटर्न 31 दिसंबर तक भरना होगा. मतलब 3 महीने कम हो गए हैं.
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