हर साल करदाताओं को संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए अपनी आय के विवरण की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के जरिए देनी होती है. आईटीआर दाखिल करने के लिए चार महीने के लिए विंडो खुली रहती है. इस साल आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. नियम के तहत वैसे तो करदाताओं को तय समय सीमा के अंदर ही रिटर्न फाइल करना होता है. अगर कोई इस समय सीमा को चूक जाए तो उन्हें कई नुकसान हो सकते हैं. इसमें जुर्माने समेत अन्य कार्यवाही का भी प्रावधान है.
भरनी पड़ेगी लेट फीस
अगर कोई व्यक्ति तय तारीख के बाद अपना रिटर्न दाखिल करता है तो उन्हें धारा 234एफ के तहत लेट फीस भरनी पड़ेगी. उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 है. अगर इस बीच आप आईटीआर दाखिल करने से चूक जाते हैं तो आप 31 दिसंबर, 2023 तक विलंब से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. हालांकि, आपको देर से फाइलिंग के लिए जुर्माना भरना होगा. अगर आप 31 जुलाई, 2023 के बाद, लेकिन 31 दिसंबर, 2023 से पहले रिटर्न दाखिल करते हैं तो अधिकतम 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. हालांकि छोटे करदाताओं, जिनकी कुल आय 5 लाख से ज्यादा नहीं है, उन्हें जुर्माने में छूट दी गई है. ऐसे लोगों के लिए अधिकतम जुर्माना 1,000 रुपए होगा.
ब्याज के साथ चुकाना होगा टैक्स
देर से आयकर रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माने के अलावा, धारा 234ए के तहत बकाया कर का भुगतान ब्याज के साथ करना होगा. यह प्रतिमाह 1% के हिसाब से लिया जाएगा.
टीडीएस व टीसीएस के लिए चुकानी होगी पेनाल्टी
आयकर विभाग के अनुसार टीडीएस व टीसीएस रिटर्न की जानकारी देनी होती है. ऐसे में अगर कोई करदाता इससे चूकता है तो धारा 234ई के तहत इसमें देरी के लिए फाइलिंग शुल्क का भुगतान करना होगा. ये 200 प्रतिदिन के हिसाब से चुकाना होगा. विलंब शुल्क के भुगतान के बिना टीडीएस/टीसीएस रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकता है.
सजा का भी है प्रावधान
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरने से चूक गए है और बाद में भी इसे दाखिल नहीं किया तो आयकर विभाग नोटिस भेजता है. यदि कोई व्यक्ति नोटिस जारी होने के बाद भी जानबूझ कर रिटर्न दाखिल नहीं करता है तो आयकर अधिकारी कार्यवाही शुरू कर सकता है. इसमें जुर्माने के साथ तीन महीने से लेकर दो साल तक की कैद हो सकती है. अगर आपका बकाया कर ज्यादा है, तो सजा सात साल तक की जा सकती है.