अपना IT रिटर्न (IT Return) समय पर भरिए क्योंकि देरी से भरने और रिवाइज़ रिटर्न भरने की समयसीमा अब हो रही है कम. अभी तक रिटर्न भरने के लिए एक पूरा वित्तीय वर्ष मिलता था. अमूमन 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करना होता है और फिर 31 मार्च तक पेनल्टी के साथ लेट और रिवाइज्ड रिटर्न भरने का वक्त मिलता रहा है. लेकिन बजट 2021-22 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस डेडलाइन को घटाकर केवल तीन महीने रखने का एलान किया. यानि इनकम टैक्स रिटर्न (IT Return) की जुलाई डेडलाइन के बाद 31 दिसंबर तक ही आप लेट और रिवाइज़ रिटर्न भर पाएंगे.
आखिर इस बदलाव के पीछे वजह क्या है ?
टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्ढा बताती हैं कि सरकार ने रिटर्न (IT Return) भरने के प्रोसेस को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाएं हैं. टेक्नॉलिजी के अपग्रेड से अब बड़ी तादाद में टैक्सपेयर्स को प्री–फिल्ड रिटर्न फॉर्म मिल रहें हैं. अब इसमें कैपिटल गेन्स की जानकारी भी दी जाएगी. खुद सरकार ने नोटिस भेजने के अपने डेडलाइन को भी कम किया है. इसलिए टैक्सपेयर्स को जल्दी रिटर्न भरने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.
अगर आप 31 दिसंबर तक IT रिटर्न (IT Return) नहीं फाइल करेंगे तो आपको नोटिस आ सकता है और बकाया टैक्स होने पर पेनल्टी के साथ टैक्स भरना पड़ेगा. हालांकि अगर किसी ऐसी परिस्थिति की वजह से आप रिटर्न नहीं भर पाए जिसे टाला नहीं जा सकता था तो इनकम टैक्स की सेक्शन 119 (2) (b) के तहत कांडोनेशन ऑफ डिले ( देरी की वजह) बता कर रिटर्न फाइल कर पाएंगें.
क्या है बीलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न?
जब रिटर्न (IT Return) फाइल करने की आखिरी तारीख छूट जाती है तो आप पेनल्टी के साथ बीलेटेड रिटर्न फाइल करते हैं. अगर रिटर्न फाइल करने में करदाता से कोई गलती हो जाती है जैसे कि गलत कैलकुलेशन, कोई इनकम या इन्वेस्टमेंट भूल जाना, गलत बैंक अकाउंट डिटेल दे देना – इनको सुधारने के लिए करदाता रिवाइज्ड रिटर्न भरते हैं.
IT रिटर्न एक अहम डॉक्यूमेंट है जिसकी जरूरत आपको वीज़ा एप्लीकेशन, पॉसपोर्ट बनवाते वक्त और लोन अप्लाई के वक्त पड़ती है. इसलिए समय से भरे IT रिटर्न क्योंकि अब रिटर्न भरने के लिए कम समय मिलनेवाला है.
टैक्स एक्सपर्ट गौरी चड्ढा से समझिए पूरी बात इस वीडियो में –
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