नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही आयकर रिटर्न फाइल करने वालों के लिए ब्याज आमदनी, डिविडेंड, कैपिटल गेन्स जैसी आमदनियों को छिपाना आसान नहीं होगा. आयकर विभाग के पास आपकी आमदनी से जुड़ हुई ये जानकारियां अब अपने आप पहुंच जाएंगी.
आयकर विभाग ने 12 मार्च को जारी किए अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरेंस कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज को करदाताओं को मिलने वाले कैपिटल गेन्स की जानकारी सीधे आयकर विभाग को देनी पड़ेगी. इन्हें आयकरदाता को स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स पर होने वाले कैपिटल गेन्स के बारे में आयकर विभाग को बताना होगा.
लोगों को होने वाली डिविडेंड इनकम की जानकारी भी अब सीधे आईटी विभाग तक पहुंच जाएगी.
इसके अलावा, आयकर विभाग ने बैंकों से भी कहा है कि वे आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को होने वाली ब्याज की कमाई को विभाग के साथ साधा करें. लोगों को ब्याज से होने वाली आमदनी की जानकारी देने के लिए पोस्ट ऑफिस से भी कहा गया है. इसमें NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को भी शामिल किया गया है और उनसे कहा गया है कि वे लोगों को होने वाली ब्याज की कमाई की जानकारी विभाग को मुहैया कराएं.
आयकर विभाग ने इसके लिए आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 285BA और सेक्शन 295 के तहत उसे मिली हुई शक्तियों का इस्तेमाल किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अपने बजट भाषण में कहा था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए इसे भरना अब और आसान बनाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि आयकर रिटर्न फॉर्म में लोगों को ब्याज से होने वाली कमाई, डिविडेंड, कैपिटल गेन्स टैक्स जैसी आमदनी अपने-आप भरी हुई मिलेगी.
अब आयकर विभाग ने इसे लागू करने के लिए डिपॉजिटरीज, स्टॉक एक्सचेंजों, बैंकों, डाकघर और NBFC को सूचित किया है कि वे लोगों की जानकारियों को सीधे विभाग तक पहुंच जाएंगी.
इससे सीधे तौर पर आयकर रिटर्न भरने वालों को फायदा होगा और उन्हें अपनी जानकारियों को खुद दाखिल नहीं करना पड़ेगा. एक तरह से उन्हें रिटर्न फॉर्म भरने में अब ज्यादा वक्त नहीं लगाना पड़ेगा. साथ ही इससे गलतियों की गुंजाइश भी कम हो जाएगी क्योंकि ये डेटा ऑटो-फिल्ड मिलेगा.
हालांकि, बहुत सारे लोग जो अपनी ब्याज या कैपिटल गेन्स जैसी आमदनी को छिपाते थे उनके लिए अब ऐसा करना नामुमकिन हो जाएगा.