भारत सरकार ने कच्चे तेल पर पर अप्रत्याशित कर यानी विंडफॉल टैक्स को बढ़ा दिया है. सरकार ने इसे 6,800 रुपए से बढ़ाकर 9,600 रुपए प्रति मीट्रिक टन करने की घोषणा की है. यह बदलाव 16 अप्रैल से लागू हो गया है. हालांकि डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन पर लगने वाले टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इन पर जीरो विंडफाॅल टैक्स की दर जारी रहेगी. इससे पहले 4 अप्रैल को सरकार ने पेट्रोलियम कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर को 4,900 रुपए से बढ़ाकर 6,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन किया था.
सरकार के अप्रत्याशित कर को बढ़ाने की वजह उन निजी रिफाइनरों को नियंत्रित करना है, जो कच्चे तेल को स्थानीय स्तर पर बेचने के बजाय उच्च रिफाइनिंग मार्जिन का लाभ उठाने के लिए ईंधन को विदेशों में निर्यात कर रहे हैं. विंडफाॅल टैक्स की दरें हर दो सप्ताह में बदली जाती हैं.
कच्चे तेल उत्पादकों पर लगाया गया टैक्स
भारत सरकार ने जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाने का ऐलान किया था, इसका लक्ष्य कच्चे तेल उत्पादकों को टारगेट करना था. बाद में इस टैक्स का विस्तार किया गया और इसमें गैसोलीन, डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) निर्यात को भी शामिल किया गया. इस नीति का प्राथमिक उद्देश्य निजी रिफाइनरों को ईंधनों को विदेशों में उच्च वैश्विक कीमतों पर बेचने से रोकनाा है. साथ ही घरेलू बाजार आपूर्ति को प्राथमिकता देना है.
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
इजरायल पर ईरान के हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिली. मंगलवार को जून डिलीवरी के लिए ब्रेंट वायदा 36 सेंट या लगभग 0.40% चढ़कर 90.46 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि मई डिलीवरी के लिए वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) वायदा 42 सेंट, लगभग 0.42% बढ़कर 85.83 डॉलर पर पहुंच गया है. शुक्रवार को तेल बेंचमार्क में तेजी आई, जिससे कीमतें अक्टूबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं.