फरवरी-मार्च के महीने में सैलरीड प्रोफेशनल्स को इनकम टैक्स सेविंग (Income tax saving) इंवेस्टमेंट प्रूफ सबमिट करने होते हैं. टैक्स एक्सपर्ट गौरी चढ्ढा के मुताबिक, अगर इन्वेस्टमेंट किया हुआ है तो प्रूफ समय पर सबमिट कर दीजिए, नहीं तो एम्प्लॉयर आपको बगैर टैक्स डिडक्शन यानि ज्यादा टैक्स काट लेगा और आपके हाथ में कम सैलरी पहुंचेगी. अगर ज्यादा टैक्स कटता है तो आप इनकम टैक्स रिटर्न भरकर रिफंड क्लेम कर सकते हैं. हालांकि, फॉर्म 16 में मिसमैच की नौबत आ सकती है. ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income tax department) नोटिस भेज सकता है.
समय पर इन्वेस्टमेंट प्रूफ सबमिट करें और अगर टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट पूरे नहीं हुए हैं तो इन 5 विकल्पों को देखें-
1) लाइफ इंश्योरेंस इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्सपेयर को 1.50 लाख रूपए की डिडक्शन मिलती है, जिसमें इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट पर टैक्स छूट मिलती है. अगर आपके पास लाइफ इंश्योरेंस नहीं है तो एक टर्म इंश्योरेंस खरीद सकते हैं. लेकिन, ध्यान रहे कि आप ऐसा इंश्योरेंस न खरीदे जो आपको रिटर्न देने का वादा कर रहा हो. आपको सिंपल लाइफ कवर करने वाला टर्म इंश्योरेंस खरीदना है. अगर टर्म इंश्योरेंस है तो किसी दूसरी तरह के इंश्योरेंस को केवल टैक्स बचाने के लिए न खरीदें.
2) स्मॉल सेविंग स्कीम अगर इंश्योरेंस है तो सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करके टैक्स बचा सकता है. इन स्कीम में कम्पाउंडिंग ब्याज के साथ टैक्स छूट भी मिलती है. पोस्ट ऑफिस से नेशनेल सेविंग सर्टिफिकेट ले सकते हैं जो पांच साल की लॉक इन रखता है और 6.8% का ब्याज या फिर रिकरिंग डिपॉज़िट अकाउंट खोल सकते हैं कम्पाउंडिंग की दर से 5.8% का रिटर्न मिलेगा. बैंक या पोस्ट ऑफिस में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF ) खाता खोला सकते हैं. PPF अकाउंट 15 साल में मैच्योर होते हैं. इस इंवेस्टमेंट पर 7.10% का ब्याज मिल रहा है.
3) इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) अगर आप ऐसा इंवेस्टमेंट करना चाहते हैं जो आपको इक्विटी मार्केट का रिटर्न दे और टैक्स छूट भी तो आप टैक्स सेविंग इक्विटी म्युचूअल फंड में निवेश कर सकते हैं. इन फंड्स का 80 फिसदी निवेश इक्विटी यानि कि शेयर्स में होता है. चाहे आप SIP (छोटे-छोटे किस्त) करें या एकमुश्त रकम अदा करें आप निवेश की रकम को अपने इनकम से कम करके 80C डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं. बस ध्यान रहे कि ELSS में 3 साल का लॉक इन होता है और हर SIP एक साल की साइकिल में मैच्योर होगी.
4) हेल्थ इंश्योरेंस इंश्योरेंस नहीं है तो 25,000 रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम अदा करके आप 80C के अतिरिक्त छूट क्लेम कर सकते हैं. पेरेंट्स के लिए भी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम देंगे तो ये छूट 50,000 रुपए तक की छूट ले सकते हैं.
5) नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट के लिए बचत और टैक्स छूट- NPS के इंवेस्टमेंट पर आपको सेक्शन 80 CCD 1(B) के तहत 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त छूट मिलती है. आप पेंशन अकाउंट में पैसे जमा करके इक्विटी और डेट से जुडे पेंशन फंड में निवेश कर सकते हैं. आपको फंड की परफॉर्मेंस के लिहज से रिटर्न मिलता है. 60 साल के होने के बाद आप 60% पैसे टैक्स-फ्री विड्रॉ कर सकते हैं बाकि 40% एन्युटी प्लान के जरिए मिलेगा. तो टैक्स सेविंग इवेस्टमेंट कीजिए और रिटर्न के साथ साथ लाइफ कवर, हेल्थ कवर या पेंशन जैसे फायदे भी लीजिए.
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