नया वित्त वर्ष (New financial year) आपके लिए भी बहुत कुछ नया लेकर आएगा. आपकी जेब से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे. इन बदलावों का असर सीधे-सीधे आपकी गाढ़ी कमाई पर पड़ेगा. 1 अप्रैल 2021 से इनकम टैक्स से जुड़े 5 नियम (Income tax rule) बदलने जा रहे हैं. नए वित्त वर्ष में 75 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजंस (Senior citizen) को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरना होगा. वहीं, आपके EPF में अगर 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का सालाना निवेश होगा तो उससे ऊपर के निवेश पर मिला ब्याज टैक्सेबल हो जाएगा. आइये जानते हैं और कौन-कौन से अहम बदलाव आपकी इनकम पर असर डालेंगे.
सुपर सीनियर सिटीजंस को ITR से छूट 1 अप्रैल 2021 से 75 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को ITR फाइल नहीं करना होगा. यह छूट उन सीनियर सिटीजंस को दी गई है, जो पेंशन या फिर Fixed Deposit से मिलने वाले ब्याज से कमाई करते हैं. बैंक सीधे तौर पर उनका इनकम टैक्स काटेंगे और सरकार के पास जमा करेंगे.
ITR फाइल नहीं करने पर देना होगा दोगुना TDS आने वाले वित्त वर्ष में इनकम टैक्स रिटर्न के नियम (Income tax rule) भी काफी सख्त हो जाएंगे. सरकार ITR फाइल नहीं करने वालों से दोगुना टैक्स वसूलेगी. सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट (Income tax act) में सेक्शन 206AB को जोड़ दिया है. इसके तहत ITR फाइल नहीं करने पर 1 अप्रैल, 2021 से दोगुना TDS देना होगा. नए नियमों के मुताबिक, जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (TCS) भी ज्यादा लगेगा.
प्री-फिल्ड ITR फॉर्म नए वित्त वर्ष में ITR फाइल करना आसान होगा. कर्मचारियों की सहूलियत के लिए प्रक्रिया को आसान किया गया है. इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को 1 अप्रैल 2021 के बाद से प्री-फिल्ड ITR फॉर्म मिलेगा. उन्हें अलग से पूरी जानकारी अपडेट करने की जरूरत नहीं होगी.
EPF के ब्याज पर टैक्स आपके प्रोविडेंट फंड को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है. टैक्स फ्री कंपोनेंट की पहचान वाले EPF में ज्यादा निवेश पर टैक्स चुकाना पड़ सकता है. हालांकि, इसमें सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा के जमा पर मिलने पर ब्याज टैक्सेबल होगा. एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपए तक का EPF में निवेश ही टैक्स फ्री रहेगा. एडिशनल अमाउंट पर इंट्रेस्ट पर टैक्स लगेगा. मतलब अगर आपने 3 लाख रुपए सालाना जमा किया है तो 50 हजार के ब्याज पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स लगेगा.
ट्रेवल लीव कंसेशन (LTC) कैश वाउचर स्कीम नए वित्त वर्ष में लागू हो जाएगी. यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए लॉन्च की गई है, जिन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण लगे यात्रा प्रतिबंध की वजह से LTC टैक्स बेनिफिट का फायदा नहीं लिया था.
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