अगर कोई कर्मचारी कंपनी के दिए मकान में रहता है तो आने वाले दिनों में उसको कंपनी की तरफ से दिए जाने वाले वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है. आयकर विभाग ने शुक्रवार को नियम में बदलाव किया है जिसके तहत कोई कर्मचारी अगर कंपनी के मकान में रहता है तो 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में मकान के किराए को उसके वेतन का 10 फीसद हिस्सा माना जाएगा, पहले 15 फीसद का नियम था. यानी कर्मचारी के टेकहोम सेलरी में बढ़ोतरी होगी.
नए नियम के तहत 15 से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों में कंपनी के मकान के किराए को कर्मचारी के वेतन का 7.5 फीसद हिस्सा माना जाएगा जो पहले 10 फीसद हुआ करता था और 15 लाख से कम आबादी वाले शहरों में इसे 7.5 फीसद से घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है. नए नियमों को लागू करने के लिए 2011 की जनगणना को आधार माना जाएगा और नए नियम 1 सितंबर से लागू हो रहे हैं. आयकर विभाग ने शुक्रवार रात को ही इस मामले पर अधिसूचना जारी की है.
कंपनी की तरफ से कर्मचारी को दिए जाने वाले आवास को कर्मचारी की कमाई का हिस्सा माना जाता है और इसपर इनकम टैक्स लागू होता है. ऐसे में नए नियम के लागू होने के बाद कर्मचारी की टेकहोम सेलरी में तो बढ़ोतरी होगी लेकिन उसपर आयकर कर्मचारी की HRA छूट के तहत लागू होगा.
आयकर विभाग के नए नियम पर जानकारों का कहना है कि इनकम टैक्स विभाग की ओर से किए गए इस बदलाव से रेंट फ्री आवास का लाभ लेने वाले कर्मचारिायों को कम टैक्स चुकाना होगा, जिससे उनके हाथ में ज्यादा सैलरी बच पाएगी. इससे उनकी बचत में इजाफा होगा. हालांकि कंपनियों की तरफ से आवास की सुविधा सभी कर्मचारियों को नहीं मिलती, कंपनी में ऊंचे पदों पर बैठे कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को ही यह लाभ मिलता है.