Income Tax Return: आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करना करदाताओं के लिए सबसे जरूरी कामों में से एक है. भविष्य में समस्याओं से बचने के लिए बिना गलती के आयकर रिटर्न दाखिल करना बेहद अहम है.यहां हम आपको ITR फाइल करते वक्त होने वाली 5 आम गलतियों के बारे में बता रहे हैं.
गलत फॉर्म का चयन अक्सर परेशानी पैदा करता है. इनकम टैक्स के एडवोकेट मनस घोष के मुताबिक, “गलत फॉर्म का इस्तेमाल कर आयकर रिटर्न दाखिल करना टैक्स कानूनों के तहत दोषपूर्ण माना जाता है. उस मामले में IT विभाग द्वारा संबंधित करदाता को नोटिस भेजने की आशंका है.”
पिछले कुछ वर्षों में आयकर विभाग ने आयकर दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है, लेकिन हर साल गलत व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, बैंक खाता संख्या, IFSC कोड और पते के चलते बड़ी संख्या में रिटर्न खारिज कर दिए जाते हैं. इससे रिफंड में देरी होती है. इसलिए ITR भरते वक्त सावधान रहें.
भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की अवधि को वित्त वर्ष के रूप में जाना जाता है. आकलन वर्ष वह वर्ष है, जो वित्त वर्ष के बाद आएगा. कई करदाता ‘आकलन वर्ष’ को ‘वित्त वर्ष’ समझकर कनफ्यूज हो जाते हैं.
आय चाहे वह कर योग्य हो या छूट में आती हो, इनका खुलासा किया जाना चाहिए. कर कानूनों के तहत कोई भी नॉन डिस्क्लोजर एक गंभीर अपराध है.
किसी भी गलती से करदाता को IT विभाग से टैक्स नोटिस मिलने की आशंका बढ़ जाती है. घोष कहते हैं, “कई मामलों में हम देखते हैं कि ग्राहक सभी टर्नओवर विवरणों का उल्लेख करना भूल जाते हैं. यह सबसे आम है. इस तरह की गलती से बचना चाहिए.”
फॉर्म 26AS टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स पासबुक की तरह है. इसमें करदाताओं की सभी लेनदेन की जानकारी शामिल हैं.
मनष घोष ने कहा, “हर करदाता के लिए ITR दाखिल करने से पहले फॉर्म 26AS की जांच करना सबसे महत्वपूर्ण है. किसी भी लापरवाही से कम रिफंड या अधिक कर देय हो सकता है.”
विभाग ने कहा कि www.incometax.gov.in नामक नया पोर्टल IT रिटर्न को तेजी से प्रोसेस करेगा. यह करदाताओं को नए और आधुनिक अनुभव भी प्रदान करेगा.
कोविड -19 की दूसरी लहर और विभिन्न राज्यों में प्रतिबंधों के बीच, केंद्र ने निर्धारण वर्ष 2021-22 के लिए ITR दाखिल करने की तारीख बढ़ा दी है. वित्त वर्ष 2020-21 के ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2021 की जगह 30 सितंबर 2021 होगी.