इनकम टैक्स रिटर्न भरना है जरूरी वरना आपको बढ़े हुए TDS का झटका लग सकता है. सिर्फ वित्तीय नुकसान ही नहीं आपके कई काम भी रुक सकते हैं. ऊपर से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने पर जुर्माना भी लग सकता है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना केवल उन लोगों के लिए ही ज़रूरी नहीं है जिनकी टैक्सेबल इनकम 2.50 लाख रुपए से ज्यादा है बल्कि वो टैक्सपेयर जो 2.50 लाख रुपए से कम कमाते हैं उनमें से भी कुछ लोगों को रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है. इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, 2.50 लाख से कम इनकम है लेकिन अगर करदाता ने नीचे दिए गए खर्चा या जमा किया है तो रिटर्न भरना ही होगा.
– करेंट बैंक अकाउंट में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा करने पर
– अगर 2 लाख रुपए से ज्यादा विदेशी आने जाने पर खुद के लिए खर्च किया हो या किसी और के लिए ये खर्चा उठाया हो.
– 1 लाख रुपए से ज्यादा का बिजली बिल का भुगतान किया हो.
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरेंगे तो तैयार रहिए इन अड़चनों के लिए –
1. अगर आप किसी भी तरह के लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो आपको दो साल के रिटर्न का प्रूफ देना होता है. टू-व्हीलर, कार या होम लोन, हर तरह के लोन के लिए रिटर्न का प्रूफ ज़रूरी है.
2. विदेश जाने के लिए वीज़ा अप्लाई करना है तो बिना IT रिटर्न के प्रूफ के आपका एप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकता है.
3. आपका ज्यादा टैक्स कट गया है और आपको उसका रिफंड चाहिए तो आप IT रिटर्न ज़रूर भरें. कई बार जब आपकी आय टैक्सेबल नहीं होती और बैंक आपके FD पर टैक्स काट लेते हैं तो आपको ये पैसे तभी वापस मिलेंगे जब आप रिटर्न भरेंगे.
4. अगर आपको प्रॉपर्टी से या शेयर की ट्रेडिंग में नुकसान हुआ है तो इस लॉस को कैरी फॉरवर्ड करने के लिए रिटर्न भरना ज़रूरी है.
5. IT रिटर्न नहीं भरने वालों को ज्यादा TDS/TCS देना पड़ेगा. पिछले दो साल का रिटर्न फाइल नहीं किया होगा तो जो 1 या 2 % के TDS के दायरे में आते थे, उन्हें अब सीधा 5 % का TDS देना होगा या फिर TDS की लायबिलिटी का डबल देना होगा.
6. इनकम टैक्स के सेक्शन 194N के तहत अगर PPF और पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम से 2 लाख रुपए से ज्यादा विड्रॉल करेंगे और तीन साल का रिटर्न नहीं भरा हो तो 2-5 % का TDS देना होगा. अगर टैक्सेबल इनकम नहीं हैं तो फॉर्म 15 G/H भी मान्य नहीं होगा. 2 लाख रुपए से ज्यादा के विड्रॉल पर 2 % TDS लगेगा और 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के विड्रॉल पर 5 % TDS रिटर्न नहीं भरने वालों को देना पड़ेगा.