Income Tax Refund: आमतौर पर करदाताओं को आयकर रिफंड (Income Tax Refund) न मिलने की शिकायत बनी रहती है. अक्सर करदाताओें द्वारा सही जानकारी न होने पर भी आयकर रिफंड (Income Tax Refund) अटक जाता है.
कई बार रिफंड मिल भी जाता है, तब भी जानकारी नहीं हो पाती है. इसलएि सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ITR फाइल करते समय बैंक का ब्योरा सही दिया जाए. खैर वजह जो भी हो, हम यहां रिफंड का स्टेटस जानने का आपको आसान तरीका बताने जा रहे हैं.
सबसे पहले www.incometaxindiaefiling.gov.in वेबसाइट पर जाएं. पैन, पासवर्ड और कैप्चा कोड जैसी डिटेल डालकर अपने अकाउंट में लॉग-इन कीजिए . ‘रिव्यू रिटर्न्स/फॉर्म्स’ पर क्लिक करें. ‘इनकम टैक्स रिटर्न्स’ सेलेक्ट कीजिए. जिस असेसमेंट ईयर का इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करना चाहते हैं, उसका चयन करें. अपने एक्नॉलेजमेंट नंबर यानि हाइपरलिंक पर क्लिक करें.
एक पॉप-अप स्क्रीन पर दिखाई देगा जो रिटर्न की फाइलिंग की टाइमलाइन दिखाएगा. साथ ही यह असेसमेंट ईयर, स्टेटस, विफल रहने का कारण और पेमेंट का तरीका भी दिखाएगा.
सबसे पहले https://tin.tin.nsdl.com/oltas/refundstatuslogin.html पर जाएं. अपने पैन का ब्योरा डालें, जिस असेसमेंट ईयर का रिफंड स्टेटस चेक करना है उसे सेलेक्ट करें, कैप्चा कोड दर्ज कर सब्मिट पर क्लिक करें. आपके रिफंड के स्टेटस के आधार पर आपकी स्क्रीन पर एक मैसेज दिखाई देगा. रिफंड री-इश्यू रिक्वेस्ट भेजें
जब वित्त वर्ष के अंत तक वह फाइनल कागजात जमा करता है, तब अगर हिसाब करने पर उसे यह मिलता है कि उसका टैक्स ज्यादा कट गया है और उसे आयकर विभाग से पैसे वापस लेने हैं, तो वह इसके लिए आईटीआर दाखिल कर रिफंड के लिए एप्लाई करता है.
अगर आपने फॉर्म भरते हुए अपने खाते की गलत जानकारी भरी है, तो आपका रिफंड अटक सकता है. इसके अलावा जिस खाते में आयकर विभाग से टैक्स रिफंड आना होता है उस बैंक खाते को अगर टैक्सेयर पहले से वेरीफाई नहीं करता हैं तो भी रिफंड रुकने का कारण बनता है.
अक्सर करदाता समय पर आयकर रिटर्न भर तो देता है लेकिन वह उसको वेरीफाई नहीं करता, ये भी एक वजह बनता है.
आयकर विभाग (Income Tax) ने 1 अप्रैल 2021 से 19 अप्रैल 2021 के बीच 7.39 लाख से अधिक करदाताओं को 5,649 करोड़ रुपये का रिफंड (Refund) जारी किया. पिछले वित्त वर्ष में विभाग ने 2.38 करोड़ से अधिक करदाताओं को 2.62 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए थे.
यह आंकडा पिछले वित्त वर्ष 2019 20 में जारी किए गए 1.83 लाख करोड़ रुपये के रिफंड से 43.2 फीसदी अधिक है.
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