टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद टैक्सपेयर्स अपने Income tax refund का इंतजार करते हैं लेकिन कई छोटी-छोटी गलतियों के कारण रिफंड टाइम पर नहीं आ पाता है. टैक्स अथॉरिटीज ने रिफंड की प्रक्रिया को सरल और निर्बाध बनाने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि, जागरुकता में कमी और कागजी कार्रवाई में गलतियां अक्सर लेट रिफंड का कारण बनती हैं.
20 जनवरी को Income tax डिपार्टमेंट ने बताया कि विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में कुल 1.76 लाख करोड़ का Income tax refund 1.65 करोड़ करदाताओं को वापस किया गया. इसमें 58631 करोड़ का रिफंड 1,62,39,742 केसों में वितरित हुआ और 1.17 लाख करोड़ का कॉरपोरेट टैक्स 2.11 केस में रिफंड हुआ.
हालांकि, बैंक खाते अब एक व्यक्ति के मोबाइल नंबर से जुड़े हुए हैं लेकिन कई बार डिटेल्स बैंक में अपडेट नहीं होने के कारण भी Income tax refund लेट आता है. रिफंड लेट आने के अन्य कारणों में बैंक अकाउंट के प्री-वेलिडेट न होने, बैंक खाते की गलत जानकारी या बैंक अकाउंट से पैन कार्ड का लिंक न होना होता है.
छोटे रिफंड तत्काल जारी करने के निर्देश
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने पिछले साल टैक्सपेयर्स को मेल से तत्काल जानकारी देने के लिए कहा था ताकि रिफंड को तेजी से आवंटित किया जा सके. CBDT ने कहा था कि COVID-19 के संदर्भ में और व्यापारिक संस्थाओं और व्यक्तियों को तत्काल राहत प्रदान करने के उद्देश्य से, 5 लाख से कम वाले इनकम टैक्स रिफंड को तत्काल जारी करने के आदेश दिए थे.