Income Tax: रिटर्न नहीं भरने वालों से वसूला जाएगा ज्‍यादा टैक्‍स, जानिए क्‍या हो रहा बदलाव

Income Tax: ने TDS काटने और TCS कलेक्शन करने वालों के लिये उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद की एक नई व्यवस्था विकसित की है.

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इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जैसे म्यूचुअल फंड हाउस, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और डीलर ने भी अपनी गाइडलाइन्स को और सख्त बता दिया है

इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जैसे म्यूचुअल फंड हाउस, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और डीलर ने भी अपनी गाइडलाइन्स को और सख्त बता दिया है

इनकम टैक्‍स (Income Tax) से संबंधित एक नियम में बदलाव होने जा रहा है. 1 जुलाई से इसका असर देखने को मिलेगा. दरअसल रिटर्न नहीं भरने वालों से अब डिपार्टमेंट ज्‍यादा टैक्‍स वसूल करेगा. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के मुताबिक, उसने TDS काटने और TCS कलेक्शन करने वालों के लिये उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद की एक नई व्यवस्था विकसित की है, जिन पर 1 जुलाई से ऊंची दर से टैक्स वसूला जाएगा.

ये है नियम

वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में यह प्रावधान किया गया है कि पिछले 2 वित्त वर्षों में इनकम टैक्स (Income Tax) रिटर्न (Income Tax Return) नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में सोर्स पर टैक्स कटौती और सोर्स पर टैक्स कलेक्शन अधिक दर से होगा, जिन पर 2 वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपए या उससे अधिक टैक्स कटौती बनती है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में ज्यादा दर से टैक्स कटौती/कलेक्सन को लेकर धारा 206AB अैर 206CCA के क्रियान्वयन को लेकर सर्कुलर जारी किया. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्विटर पर लिखा है, धारा 206AB और 206CCA के लिये अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गयी है. इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिये अनुपालन बोझ कम होगा.

नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का PAN प्रक्रिया में डालना है जिससे यह पता चल जायेगा कि वह विशिष्ट व्यक्ति है अथवा नहीं.

यहां देखिए इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट का ट्वीट

टैक्सपेयर्स की सूची तैयार

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2021- 22 की शुरुआत में स्पेसिफाइड पर्सन की सूची तैयार कर ली है. यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले 2 संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है. इस सूची में उन करदाताओं (Taxpayers) के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिये रिटर्न दाखिल नहीं की है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपए अथवा इससे अधिक रहा है.

Published - June 22, 2021, 11:02 IST