फर्जी रेंट के बिल और डोनेशन समेत अन्य झूठी पर्चियां लगाकर रिफंड का दावा करने वालों पर अब इनकम टैक्स विभाग की नजर है. खासतौर पर वेतनभोगी आयकर विभाग के रडार पर है. सॉफ्टवेयर से हुई ऐसे लोगों की पहचान के बाद आयकर विभाग उन्हें नोटिस भेज रहा है. अब ऐसे लोगों को अपने क्लेम को साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने होंगे.
यह नोटिस कानून की धारा 133(6) के तहत जारी किया गया है. जिसमें कर निर्धारण अधिकारी ने मूल्यांकन वर्ष 2022-23 के दौरान किए गए लेनदेन के कुछ विवरणों की जानकारी मांगी है. विभाग वेतनभोगी व्यक्तियों को धारा 10 (13ए) के तहत मकान किराया भत्ते (HRA) के तहत छूट के लिए दावा करने को लेकर सबूत पेश करने के लिए नोटिस भेज रहा है. इसी तरह काम के लिए हेल्पर रखने के लिए मिलने वाले भत्ते के दावे के लिए धारा 10 (14) और होम लोन पर चुकाए गए ब्याज के लिए कटौती पर आईटी अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत नोटिस भेज रहा है.
आईटीआर में क्लेम करते समय रहें सतर्क आयकर विभाग टैक्स बेस को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है. यही वजह है कि गलत दावा करने वाले लोगों की पहचान सॉफ्टवेयर के जरिए की गई है. अब ऐसे लोगों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है. आईटी कानून के तहत इनके खिलाफ कार्यवाही भी की जा सकती है, इसलिए जानकारों का कहना है कि लोगों को, खासतौर पर व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स को आईटीआर में क्लेम करते समय सतर्क रहने की जरूरत है. अब पहले की तरह बच नहीं सकते हैं. नियम के उल्लंघन पर वेतनभोगियों की नौकरी तक जा सकती है, इसलिए सही चीज के लिए ही दावा पेश करें.
जानिए अभी तक कितने दाखिल हुए आईटीआर आयकर विभाग के मुताबिक 18 जुलाई तक 3 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न फाइल हो चुके हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल 3 करोड़ का आंकड़ा 7 दिन पहले हासिल हुआ है. पिछले साल 25 जुलाई तक 3 करोड़ आयकर रिटर्न फाइल हुए थे. वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. वित्त मंत्रालय पहले ही यह साफ कर दिया है कि आखिरी तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी. ऐसे में जिन लोगों ने अभी तक आईटीआर दाखिल नहीं किया है वे तुरंत ये काम कर लें.
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