मूनलाइटिंग के जरिए अपने नियमित वेतन से अतिरिक्त कमाई करने वाले अब इनकम टैक्स की रडार पर हैं. दरअसल आयकर विभाग ने ऐसे कई पेशेवरों को नोटिस भेजा है जिन्होंने अपने नियमित वेतन से बाहर आय अर्जित की है, लेकिन अपने आयकर रिटर्न में इसकी घोषणा नहीं की है. जारी किए गए ज्यादातर नोटिस वित्त वर्ष 2019-2020 और 2020-2021 के लिए हैं.
इनकम टैक्स विभाग ने डेटा की जांच में पाया कि बहुत से टैक्सपेयर्स ने अपनी पूरी आय की घोषणा नहीं की है. चूंकि ज्यादातर भुगतान ऑनलाइन किए गए थे और कुछ विदेशी खातों से हासिल हुए थे, ऐसे में विभाग ने आसानी से इसका पता लगा लिया. ज्यादातर मामले मूनलाइटिंग के जरिए नियमित वेतन से ज्यादा कमाई के थे.
1100 से ज्यादा लोगों को भेजा गया नोटिस
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बड़ी संख्या में आईटी, अकाउंटिंग और मैनेजमेंट से जुड़े ऐसे पेशेवर मिले हैं, जो दो या दो से अधिक कंपनियों से मासिक या त्रैमासिक भुगतान प्राप्त कर रहे थे. मगर उन्होंने अपने आयकर रिटर्न में सिर्फ फुल टाइम जॉब से होने वाली आय की ही घोषणा की है. ऐसे में पहले चरण में उन व्यक्तियों को नोटिस भेजे गए हैं जहां औसत अघोषित वार्षिक भुगतान 5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच था. रिपोर्ट के मुताबित विभाग ने अब तक 1100 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजा है.
कंपनियों ने भी दी सूचना
कई मामलों में कंपनियों ने खुद इनकम टैक्स विभाग को ऐसे कर्मचारियों के बारे में सूचना दी है. कंपनियों ने पैन नंबर के जरिए ऐसी गतिविधियों का पता लगाया है. विभाग को वित्त वर्ष 2021-22 के आंकड़ों का विश्लेषण करना अभी बाकी है. माना जा रहा है कि नोटिस की संख्या अभी और बढ़ेगी. अधिकारियों ने कहा कि वे उन मामलों की भी जांच कर रहे हैं जहां भुगतान नकद में किया गया है.
क्या होती है मूनलाइटिंग?
मूनलाइटिंग वो स्थिति है, जब कोई कर्मचारी अपनी फुल टाइम परमानेंट नौकरी के साथ ही किसी दूसरी कंपनी में भी काम करता है और उससे कमाई करता है. कोविड महामारी के दौरान मूनलाइटिंग लोकप्रिय हो गई. घर से काम करने वाले लोग अपनी फुलटाइम जॉब के अलावा दूसरे काम भी करने लगे. यह ट्रेंड विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में काफी चल रहा है.