Income Tax Department Notice: कई दफा टैक्स असेसमेंट के सिलसिले में लोगों के पास आयकर विभाग से नोटिस आते हैं. अक्सर लोग इन नोटिस को देखकर डर जाते हैं. हालांकि, जानकारों का कहना है कि इसमें घबराने और परेशान होने जैसी कोई बात नहीं है. बस जरूरी है संयम बनाए रखें.
जानकारों का कहना है कि आयकर विभाग के नोटिस ( Income Tax Department Notice) को समझें और उसकी प्रमाणिकता को देखें. जो पूछा जा रहा है कि उसे ठीक से पढ़कर तय समय सीमा में जवाब देने की कोशिश करें. इन सारे पहलुओं पर गौर करने के बाद आपको तनाव कतई नहीं होगा.
सीए रोहित दुआ के मुताबिक, वैसे तो अब मैनुअल नोटिस नहीं आते हैं. अब सिस्टम जनरेटेड ही जारी होते हैं. अगर मैनुअल नोटिस आता भी है, तो आयकर विभाग आपको इसकी सूचना आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस करके और ई मेल पर देता है.
वहीं, अगर मेल पर नोटिस प्राप्त होता है, तो यह देखें कि उस नोटिस पर डिन यानी डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर है कि नहीं. यह नोटिस की प्रमाणिकता देखने का तरीका है. अगर डिन नहीं है तो फ्रॉड भी हो सकता है.
सीए सर्वेश वाजपेयी कहते हैं कि नोटिस की टाइम लिमिट पर जरूर गौर करना चाहिए. उदाहरण के तौर पर अगर कर निर्धारण वर्ष 2013-14 का नोटिस है, तो उसे जारी करने की सीमा 31 मार्च 2021 थी.
अगर नोटिस उसके बाद प्राप्त होता है, तो नोटिस वैलिड नहीं है. वहीं, केस खोलने की सीमा पहले 7 साल तक होती थी, लेकिन इस बजट में यह सीमा 4 साल कर दी गई है.
सीए रोहित दुआ के मुताबिक, अगर नोटिस सही पाया जाता है, तो जवाब देने का समय 15 से 30 दिन का दिया जाता है. नोटिस में पूछे गए सवालों का जवाब देने के लिए किसी कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है.
जवाब के लिए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पर लॉग इन करें. यहां ई प्रोसीडिंग का विकल्प दिखाई देगा, जो सूचना मांगी गई है इसमें दी जा सकती है. चाहें, तो इसके लिए किसी प्रोफेश्नल की भी सहायता ले सकते हैं.
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