शेयरों में घाटा हुआ है तो टैक्स बचाने में करें इसका इस्तेमाल, जानिए क्या है टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग स्ट्रैटेजी

tax loss harvesting की रणनीति से आपको सीधा मुनाफा नहीं होगा, फिर भी वेल्थ बढ़ाने में टैक्स-लॉस इनवेस्टिंग से आपको काफी मदद मिलेगी.

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Tax Loss Harvesting: आपके पोर्टफोलियो के सारे शेयर या इक्विटी फंड का प्रदर्शन हर वक्त अच्छा हो ये मुमकिन नहीं है. कुछ शेयर घाटे में भी चलते हैं, जिसका उपयोग टैक्स बचाने के लिए हो सकता है. कैसे? उसके लिए आपको टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग स्ट्रैटेजी का पालन करना होगा.

इससे आप इनवेस्टमेंट पर टैक्स के बाद मिलने वाले रिटर्न में बढ़ोतरी कर सकते हैं. इससे सीधा मुनाफा नहीं होगा, फिर भी वेल्थ बढ़ाने में टैक्स-लॉस इनवेस्टिंग से आपको काफी मदद मिलेगी. पोर्टफोलियो के शुरुआती सालों में ये स्ट्रैटेजी काफी असरकारक मानी जाती है.

क्या होती है टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग?

टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग (tax loss harvesting) यानी टैक्स हानि कम करने की रणनीति में आपके पोर्टफोलियो के घाटे में चल रहे शेयरों को बेचना शामिल है.

आप नुकसान झेलकर उन्हें पूंजीगत लाभ में समायोजित कर सकते हैं और ऐसा करने में अपनी कर देयता को कम कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो पर टैक्स के बाद के रिटर्न में सुधार कर सकते हैं.

इससे कमाई गई रकम के साथ आप फंड के मूल्यांकन को बनाए रखने के लिए एक समान क्षेत्र से नए शेयर खरीद सकते हैं.

ये स्ट्रैटेजी कैसे काम करती है?

मान लिजिए, आपको किसी एक वित्त वर्ष में 1,00,000 रुपये का शॉर्ट-टर्म केपिटल गेन (STCG) और 1,05,000 का लॉन्ग-टर्म केपिटल गेन (LTCG) हो रहा है. टैक्स रूल्स के मुताबिक, आपको 1 लाख रुपये के STCG पर 15 फीसदी टैक्स (15,000 रुपये) और 1,00,000 रुपये से ज्यादा LTCG पर 10 फीसदी टैक्स (5,000 रुपये) देने होंगे. यानी कि आपको एक वित्त वर्ष में कुल 15,500 रुपये टैक्स देना पड़ेगा.

यदि आप टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग (tax loss harvesting) करने के लिए लोस में चल रहे शेयरों को बेच देते हैं तो आपका STCG कम हो जाएगा और मान लेते हैं कि आपको 50,000 रुपये का STCG रहा है.

अब आपको सिर्फ 50,000 रुपये STCG पर 15 फीसदी के हिसाब से 7,500 रुपये टैक्स देना होगा. यानी, आप 15,000 रुपये STCG टैक्स की जगह आधा टैक्स देंगे.

आगे क्या करें?

लॉस-मेकिंग शेयर/इक्विटी फंड को बेचकर जो अमाउंट मिलेगा उसका उपयोग दूसरे अच्छे शेयर या फंड में निवेश करने के लिए कर सकते हैं. ऐसा करके आप पोर्टफोलियो का एसेट एलोकेशन और रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल बरकरार रख सकते हैं.

क्या कहते है एक्सपर्ट?

सेबी-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर धर्मेश कुमार भट्ट बताते हैं, “ज्यादातर निवेशक STCG के लिए इस स्ट्रैटेजी (tax loss harvesting) का उपयोग करते हैं क्योंकि LTCG की तुलना में STCG में ज्यादा टैक्स लगता है. इस स्ट्रैटेजी का उपयोग सिर्फ वित्त वर्ष के अंत में न करें, साल के किसी भी समय इस स्ट्रैटेजी से फायदा लेना चाहिए.”

भट्ट कहते हैं कि लॉन्ग-टर्म कैपिटल लॉस को सिर्फ LTCG के साथ ही सेट-ऑफ करें. आप लॉन्ग-टर्म कैपिटल लॉस को STCG के साथ सेट-ऑफ नहीं कर सकते हैं, लेकिन शॉर्ट-टर्म कैपिटल लॉस को आप STCG या LTCG के साथ संतुलित कर सकते हैं.

ये स्ट्रैटेजी (tax loss harvesting) टैक्स पर ज्यादा बचत करने का हथियार है जिसका उपयोग आप पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने के लिए भी कर सकते हैं. इससे शेयर का लॉस तो कम नहीं होता, मगर टैक्स कम होगा और आपको राहत मिलेगी.

Published - May 23, 2021, 12:50 IST