नए वित्त वर्ष से नॉन-सैलरीड पर पड़ेगी 25% ज्यादा TDS की मार

अभी तक इन प्रोफेशनल्स को कमाई का 7.5 फीसदी हिस्सा ही बतौर TDS चुकाना पड़ता है. हालांकि, 1 अप्रैल से इन्हें 10% TDS चुकाना होगा.

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नॉन-सैलरीड वर्कर्स की जेब पर चोट पड़ने वाली है. नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल से इन कर्मचारियों को अपनी कमाई पर 10 फीसदी TDS चुकाना होगा. अभी तक ऐसे प्रोफेशनल्स को कमाई का 7.5 फीसदी हिस्सा ही बतौर TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) चुकाना पड़ता है. हालांकि, ऐसे वर्कर्स के लिए 7.5 फीसदी TDS की सुविधा 31 मार्च को खत्म हो जाएगी.

खासतौर पर ऐसे वक्त पर जबकि कोविड-19 महामारी के चलते आर्थिक रिकवरी अभी भी सुस्त रफ्तार से हो रही है और नई नौकरियां भी सामान्य दौर के स्तर पर पैदा नहीं हो पा रही हैं. दूसरी ओर, लोगों की कमाई भी महामारी के पहले के लेवल्स पर नहीं आई हैं.

दूसरी ओर, कोविड-19 की एक और लहर फैलने से भी पूरे मार्केट में सतर्कता बनी हुई है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियों ने अपनी हायरिंग की रफ्तार पर लगाम लगा दी है. ऐसे में लोगों के लिए नई नौकरी हासिल करना फिर से मुश्किल हो सकता है. दूसरी ओर, कंपनियों के रेवेन्यू पर भी फिर से चोट लग सकती है.

ऐसे में नॉन-सैलरीड लोगों की कमाई पर लगने वाले TDS को 10 फीसदी करना इनकी जेब पर भारी पड़ सकता है. सीधे तौर पर यह 7.5 फीसदी से 25 फीसदी का इजाफा है.

पिछले साल मई में कोरोना महामारी के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे नॉन-सैलरीड लोगों की कमाई पर लगने वाले TDS को घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया था. यह सुविधा 31 मार्च 2021 तक के लिए दी गई थी. घटी हुई TDS दर को 14 मई 2020 से लागू किया गया था.

क्या होता है TDS और कैसे लगता है?
नॉन-सैलरीड प्रोफेशनल्स में ऐसे लोग आते हैं जो किसी कंपनी या संस्थान को सर्विसेज मुहैया कराते हैं. इनमें फ्रीलांसर, तकनीकी सेवाएं देने वाले, सीए और अन्य लोग आते हैं. ऐसे लोगों को आयकर विभाग के सेक्शन 194 (J) में कवर किया गया है.
पिछले साल कोविड-19 के वक्त सरकार ने इन पर लगने वाले 10 फीसदी TDS को घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया था.

चार्टर्ड अकाउंटेंट वैभव गोयल कहते हैं, “इसके अलावा, तकनीकी सेवाएं देने वालों पर 2 फीसदी की दर से TDS लगता है. पिछले साल इसे भी घटाकर 1.75 फीसदी कर दिया गया था. अब ये भी 2 फीसदी हो जाएगा.”

TDS का डिडक्शन 30,000 रुपये के बाद शुरू होता है. यानी अगर आप नॉन-सैलरीड प्रोफेशनल हैं तो आपकी 30,000 रुपये की कमाई के बाद इस पर 10 फीसदी की दर से TDS कटना शुरू हो जाएगा. 30,000 रुपये तक कोई TDS नहीं लगता है.

गोयल कहते हैं, “मान लीजिए, आपकी कमाई 30,0000 रुपये के बाद 7,000 रुपये हुई तो ऐसे में आप पर लगने वाला TDS 32,000 रुपये पर लगेगा और आपको 7,000 रुपये में से 3,200 रुपये कटकर मिलेंगे.”

क्या कम TDS की मांग कर सकते हैं?

गोयल कहते हैं कि अगर आपकी कमाई कम है और आपको लगता है कि आप पर ज्यादा TDS लग रहा है तो आप टैक्स को घटाने की मांग कर सकते हैं. वे कहते हैं, “ग्रॉस कुल टैक्स लाइबिलिटी में कुल इनकम से भाग देने पर अगर ये 2-3 फीसदी के करीब बैठता है तो आप टैक्स असेसमेंट अधिकारी से कम टैक्स की मांग कर सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है जिसके जरिए आप यह अनुरोध कर सकते हैं.”

Published - March 23, 2021, 01:13 IST