सब्जियों समेत खाने-पीने की चीजों की महंगाई से परेशान आम आदमी को जल्द एक और झटका लग सकता है. उत्तर प्रदेश में हाउस टैक्स (House Tax) बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. अगर आप लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर जैसे शहरों में रहते हैं तो आपको महंगाई की ये मार झेलनी पड़ सकती है. दरअसल, राज्य (UP) में नगर निगमों (Muncipal Corporations) की वित्तीय सेहत खराब है. उन पर भारी देनदारी है. निगमों की वित्तीय स्थिति दुरुस्त करने, देनदारी घटाने और आय बढ़ाने के लिए ये कवायद की जा रही है.
हिंदुस्तान अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख सचिव (नगर विकास) अमृत अभिजात ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है. साथ ही, सभी नगर निगमों से सदन व बोर्ड की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पास कर शासन को भेजने को कहा है. प्रस्ताव मिलने के बाद सरकार नई दरों को मंजूरी देगी.
किन शहरों के लोगों पर पड़ेगा असर? उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम हैं. इनमें आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, अयोध्या-फैजाबाद, बरेली, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा-वृंदावन, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी शामिल हैं. अगर हाउस टैक्स बढ़ाया जाता है तो इन शहरों के लोगों को ज्यादा टैक्स देना होगा.
क्यों बढ़ाया जा रहा है हाउस टैक्स? राजधानी लखनऊ समेत राज्य के सभी 17 नगर निगम घाटे में चल रहे हैं. अकेले लखनऊ नगर निगम पर 300 करोड़ रुपए की देनदारी है. आमदनी नहीं होने की वजह से नगर निगम देनदारियों को नहीं चुका पा रहा है. पैसों की कमी की वजह से विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है. जरूरी कामों में भी रुकावट आ रही है. सरकार की ओर से आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके शहरी घरों का सर्वे करने को कहा गया है. इसके तहत हाउस टैक्स (House Tax) की दरों को संशोधित किया जाएगा.
हाउस टैक्स से मिली रकम का कहां होता है इस्तेमाल? घर में रहने के दौरान व्यक्ति को स्थानीय नगर निगम को एक टैक्स देना होता है. इसे संपत्ति कर (Property Tax) या गृह कर (House Tax) कहते हैं. सड़क, सीवरेज सिस्टम, पार्क, स्ट्रीट लाइट जैसी सामान्य जरूरत की सुविधाओं के निर्माण और मरम्मत के लिए नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स वसूलते हैं. मकान मालिक से यह टैक्स लिया जाता है. जमीन या प्लॉट के मामले में हाउस टैक्स नहीं देना होता है. प्रॉपर्टी टैक्स या हाउस टैक्स स्थानीय निकाय ही वसूल करते हैं इसलिए इनकी दरें राज्यों, शहरों और इलाकों पर निर्भर करती हैं.
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