Home loan tax benefits: होम लोन की EMI चुकाने का बोझ और पीछे छूट गया टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट का टाइम. तो आपका होम लोन ही आपका टैक्स बचाएगा. कैसे.. आइये समझते हैं. इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत होमलोन के 2 लाख के इंटरेस्ट पेमेंट पर इनकम डिडिक्शन मिलती है. लेकिन, होम लोन पर आप 2 लाख रुपए से ज्यादा की छूट ले सकते हैं. ये छूट एडिशनल मिलती है. लेकिन, इसके लिए कुछ शर्तें हैं, जिनको ध्यान रखना होगा.
– होम लोन के इंटरेस्ट के अलावा उसके प्रिसिंपल पर भी आप छूट ले सकते हैं. प्रिंसिपल पेमेंट पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिल सकती है. लेकिन, इसके लिए ज़रूरी है कि आपको प्रॉपर्टी का पजेशन मिल गया हो. तो अपने डेवलपर से पता करते रहें कि कब पजेशन मिलने वाला है और अगर 31 मार्च के पहले आपकी प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हो जाए तो आपको 80C के तहत लोन के प्रिंसिपल पर 1.5 लाख रुपए की छूट मिल जाएगी. लेकिन, इसमें एक कंडिशन ये भी है कि जिस प्रॉपर्टी पर आप यह छूट क्लेम कर रहे हैं तो पांच साल तक इसे बेच नहीं पाएंगे.
– घर के रजिस्ट्री में स्टैंप ड्यूटी पर जो भी खर्चा होता है उसपर आप इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत छूट क्लेम कर सकते हैं.
– अगर ये आपका पहला घर है और अफोर्डेबल कैटगरी का है यानि इसकी कीमत 45 लाख रुपए से कम है तो इनकम टैक्स की सेक्शन 80EEA के तहत इसके इंटरेसट पर आपको 1.5 लाख रुपए की एडिशनल छूट मिल सकती है.
– आपने घर रेंट पर दिया है तो रेंटल इनकम को आप ब्याज से कम करते हैं और फिर ब्याज पर डिडक्शन लेते हैं. अगर रेंट कम मिल रहा है और इंटरेस्ट 2 लाख रुपए से ज्यादा है तो सेक्शन 24B के तहत छूट तो केवल 2 लाख के ब्याज पर मिलेगा. ऐसे में आप बाकि बचे इंटरेस्ट की रकम को आठ साल आगे तक कैरी फॉरवर्ड करके एडजस्ट कर सकते हैं. क्योंकि, समय के साथ लोन का इंटरेस्ट कम होता जाता है और रेंट बढ़ता है.
Taxsapnner.com के सुधीर कौशिक कहते हैं कि होमलोन टैक्स में छूट लेने का अच्छा तरीक है. आप अपने लिए एसेट तैयार करते हैं और टैक्स भी बचाते हैं. इसलिए होम लोन चुकाने की जल्दबाजी न करें. जब तक लोन चलता रहेगा आपको टैक्स का फायदा मिलेगा और आप अपने पैसे को जिससे लोन चुकाना चाहते हैं उसे म्यूचुअल फंड जैसी जगह पर निवेश करके अच्छा रिटर्न कमा लेंगे और एसेट डायवर्सिफाइड भी रहेगी.
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