गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) चोरी के मामलों की जांच करने वाली एजेंसी डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस यानी DGGI ने इस साल सितंबर तक 1.36 लाख करोड़ रुपए की GST चोरी पकड़ी है. बुधवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है. GST चोरी को पकड़ने के लिए DGGI की तरफ से इस साल लंबा अभियान चलाया गया है, जिसमें यह टैक्स चोरी पकड़ी गई है. यह टैक्स चोरी लगभग 1 महीने की टैक्स उगाही के बराबर है.
वित्त मंत्रालय की तरफ से यह भी बताया गया है कि अप्रैल 2020 से लेकर सितंबर 2023 तक DGGI के अभियान में 6000 से ज्यादा फर्जी इनपुट टैक्स क्लेम पकड़े गए हैं जिनके जरिए 57 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी हुई है. इन फर्जी इनपुट टैक्स क्लेम में 1040 क्लेम इस साल अप्रैल से सितंबर के दौरान पकड़े गए हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कर चोरी से निपटने के लिए जीएसटी आसूचना महानिदेशालय यानी DGGI देश भर में अपने खुफिया नेटवर्क का उपयोग करने के अलावा डेटा विश्लेषण के लिए उन्नत उपकरणों के माध्यम से विशेष रूप से कर चोरी के नए तरीकों की खुफिया जानकारी पता करता है.
GST अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया था. चालू वित्त वर्ष के छह महीनों के अंदर ही कर चोरी ने पिछले समूचे वित्त वर्ष का आंकड़ा पार कर लिया है. मंत्रालय ने कहा, “कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी चोरी (नकली ITC सहित) के रूप में 1.36 लाख करोड़ रुपये का पता चला है. इसके एवज में 14,108 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक भुगतान किया गया है.”
चालू वित्त वर्ष में अब तक 14,000 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 1,040 फर्जी आईटीसी मामलों का पता चला है. अब तक फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने वाले 91 धोखेबाजों को पकड़ा जा चुका है.