GST Tax Evasion: भारत में मई मई 2023 से अब तक 44,015 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई है.जीएसटी अथॉरिटीज ने मई से स्पेशल अभियान चला रहा है, जिसके तहत ये चोरी पकड़ी गई है. देश भर में गैर-मौजूद जीएसटी टैक्सपेयर्स के खिलाफ लगातार कैंपेन में कुल 29,273 जाली फर्मों के बारे में भी पता चला है. वहीं 121 लोग टैक्स चोरी से जुड़े मामलों में गिरफ्तार तक हुए हैं.
जीएसटी अभियान में बड़ी सफलता
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू हुए साढ़े छह साल पूरे हो गए हैं, लेकिन देश में अभी भी टैक्स की चोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. विभाग ने नकली रजिस्ट्रेशन के खिलाफ मई 2023 के दौरान खास अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत अब तक कुल 29,273 जाली फर्म्स 44,015 करोड़ रुपये की संदिग्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) चोरी के मामले में पकड़ी गई हैं. इससे 4646 करोड़ रुपये की बचत हुई जिसमें से 3802 करोड़ रुपये आईटीसी को रोकने और 844 करोड़ रुपये वसूली के जरिए हासिल हुई है.
12,036 करोड़ रुपये की पकड़ी गई चोरी
अक्टूबर-दिसंबर 2023 के दौरान करीब 12,036 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की चोरी का पता लगाया गया है. इनमें से 2358 फर्जी फर्मों-कंपनियों के बारे में सेंट्रल जीएसटी अधिकारियों ने पता लगाया. इससे 1317 करोड़ रुपये के रेवेन्यू की बचत हुई. इसमें से 319 करोड़ की जानकारी मिली है और 997 करोड़ रुपये आईटीसी को रोककर बचाए गए हैं. इन मामलों में कुल 41 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया जिसमें 31 गिरफ्तारियां केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों द्वारा ही की गई.
कहां हुई सबसे ज्यादा चोरी?
4153 फर्जी फर्मों के जरिए ये कारनामे किये गए हैं. देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 926 फर्जी फर्मों ने 2,201 करोड़ रुपये की संदिग्ध टैक्स चोरी पकड़ी गई है. इसके बाद राजस्थान में 507 कंपनियां, हरियाणा में ऐसी 424 कंपनियां और राजधानी दिल्ली में 483 कंपनियां पकड़ी गई हैं. दिल्ली में 3028 करोड़ रुपये की चोरी सामने आई है. इतना ही नहीं, 483 फर्जी फर्मों पर टैक्स चोरी के मामले में शक के घेरे में है.
गौरतलब है कि मई 2023 से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क (Central Board of Indirect Taxes and Customs) या सीबीआईसी बोर्ड जीएसटी में धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए देश भर में गैर-मौजूद/जाली रजिस्ट्रेशन कराने वालों के खिलाफ अभियान चला रही हैं. देश में कुछ जाली-नकली कंपनियां बिना गुड्स और सर्विसेज की बेसिक सप्लाई के बिना नकली चालान जारी करके टैक्स चोरी करवाने में संलिप्त है.
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