दोहरे टैक्स के मसले पर सरकार नरम रुख अपनाती दिख रही है. कंपनियों और खुदरा विक्रेताओं को वाउचर या गिफ्ट कार्ड्स पर GST छूट मिल सकती है. दरअसल कई खुदरा विक्रेता ग्राहकों को वाउचर या गिफ्ट कार्ड देते हैं, जिन्हें उनके प्रोडक्ट्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है. सरकार के सामने मुद्दा उठाया गया है कि वाउचर और गिफ्ट कार्ड का उपयोग कर खरीदे गए उत्पादों पर भी जीएसटी देना होता है. ऐसे में दो बार टैक्स देना पड़ रहा है. इसी मुद्दे को हल करने के लिए विक्रेता काफी समय से मांग कर रहे थे, अब सरकार इसमें राहत दे सकती है.
कुछ वाउचर्स पर खरीदारी के समय जीएसटी लगाया जाता है, जिससे वस्तुओं या सेवाओं को खरीदने के लिए उपयोग किए जाने पर दोहरा टैक्स होता है, जिसमें जीएसटी भी शामिल है. इस समस्या को सुलझाने के लिए स्पष्टीकरण जल्द ही आ सकता है. जिससे वाउचर और उपहार कार्ड की टैक्स योग्यता पर स्थिति साफ होने की उम्मीद है.
एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि स्पष्टीकरण पर अंतिम फैसला जीएसटी परिषद लेगा. इसकी कानून समिति इस मुद्दे पर विचार कर रही है. इन वाउचरों की ओर से भुगतान की गई सेवाओं या वस्तुओं पर टैक्स लगता है. इंडस्ट्री का कहना है कि इन वाउचरों पर केवल खरीदी गई वस्तुओं या सेवाओं पर लागू जीएसटी स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाना चाहिए, न कि उनके जारी करने के समय क्योंकि इससे दोहरे टैक्स को बढ़ावा मिलेगा.
वाउचर के व्यापार के मामले में केवल कमीशन के बजाय पूरे अंकित मूल्य पर टैक्स लगाने की भी जांच की जा रही है. वाउचर की टैक्स स्थिति पर भ्रम प्रीमियर सेल्स प्रमोशन प्राइवेट लिमिटेड के मामले में कर्नाटक अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स के 2021 के फैसले के बाद हुआ है. वाउचर और गिफ्ट कार्ड कंपनियों के लिए एक लोकप्रिय प्रचार और बिक्री बढ़ाने के माध्यम हैं.
इंडस्ट्री ने वाउचर्स या गिफ्ट कार्ड्स पर लगने वाले टैक्स पर स्पष्टता की मांग की है. उन्होंने उपहार कार्ड या वाउचर के वितरण के प्रत्येक चरण पर कर लगाने पर चिंता जताई है, जिसमें वितरण या व्यापार मार्जिन और अनरिडीम्ड वाउचर का ब्रेकेज मूल्य शामिल है. पीडब्ल्यूसी के पार्टनर प्रतीक जैन का कहना है वाउचर के जरिए भुगतान से जुड़े अनुचित दो-तरफा टैक्स से बचने के लिए जीएसटी परिषद को एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए.