महामारी में सरकार ने दी बड़ी राहत, 31 मई तक EVC के माध्यम से GST रिटर्न का सत्‍यापन

GST Electronic Verification: 21 अप्रैल से 31 मई की अवधि के दौरान पंजीकृत व्यक्ति को फॉर्म GSTR-3B में रिटर्न प्रस्तुत करने की अनुमति होगी.

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 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

 साठे ने कहा, "बीमा कंपनियां लंबी अवधि की देनदारियां लेती हैं, लेकिन बाजार में कोई मैचिंग एसेट इंस्ट्रूमेंट नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एसेट लायबिलिटी मिसमैच हो जाती हैं.

कोरोना के कहर के बीच सरकार ने कारोबारियों को बडी राहत दी है. सरकार ने व्यवसायों को 31 मई तक इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (Electronic Verification Code) के माध्‍यम से मासिक जीएसटी रिटर्न (GST Return) के सत्‍यापन की अनुमति दी है. एक अधिसूचना में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कहा कि 21 अप्रैल, 2021 से 31 मई, 2021 की अवधि के दौरान किसी भी पंजीकृत व्यक्ति को फॉर्म GSTR-3B में रिटर्न प्रस्तुत करने और आउटवर्ड सप्‍लाई का विवरण EVC के माध्यम से फॉर्म GSTR-1 में देने की अनुमति होगी.

वर्तमान में, मासिक रिटर्न दाखिल करने और करों का भुगतान करते समय व्यवसाइयों को डिजिटल रूप से GSTR-3B फॉर्म पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है. हालांकि, लॉकडाउन की वजह से कार्यालय बंद होने के कारण कारोबार डिजिटल हस्ताक्षर उत्पन्न करने में असमर्थ हैं, जिसके कारण रिटर्न दाखिल करने में देरी हुई है.

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा, “जीएसटी अधिकारियों ने आखिरकार महामारी की दूसरी लहर में राहत दी है.” कॉरपोरेट करदाता अब 31 मई तक ईवीसी (EVC) के माध्यम से मासिक कंप्‍लायंस फाइल कर सकते हैं. इससे उन हजारों करदाताओं को लाभ होगा जो लॉकडाउन के दौरान डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र लेने के लिए कार्यालय नहीं जा सकते .

इस योजना का भी बढ चुका समय

महामारी के समय करदाताओं को राहत देते हुए सरकार ने विवाद से विश्‍वास योजना (Vivad Se Vishwas Scheme) में भुगतान के समय को बढ़ा दिया है. अब इस अहम योजना में टैक्सपेयर्स 30 जून तक पेमेंट कर सकते हैं. विवाद से विश्‍वास योजना (Vivad Se Vishwas Scheme) में इससे पहले भुगतान की आखिरी तारीख 30 अप्रैल थी. यह पांचवी बार हुआ है, जब भुगतान की समय सीमा बढ़ाई गई हो.

विवाद से विश्वास योजना आकलन के संदर्भ में विवादित टैक्स, विवादित ब्याज, विवादित जुर्माना या विवादित शुल्क के निपटान का विकल्प उपलब्ध कराता है. इसके तहत विवादित टैक्स का 100 फीसदी और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 फीसदी देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है. 31 जनवरी 2020 तक जो मामले कमिश्‍नर (अपील), इनकम टैक्‍स अपीलीय ट्राइब्यूनल, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, उन टैक्‍स के मामलों पर यह स्‍कीम लागू होगी.

Published - April 27, 2021, 09:32 IST