सरकार की ओर से जीएसटी कानून में संशोधन के बाद से विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लेकर सरकार सख्त हो गई है. टैक्स चोरी मामले में जीएसटी अधिकारी लगतार ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं. अभी तक कंपनियों को करीब एक लाख करोड़ रुपए के कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक ड्रीम11 जैसे कई ऑनलाइन गेमिंग और डेल्टा कॉर्प जैसे कैसीनो ऑपरेटर को टैक्स के कम भुगतान के लिए पिछले महीने जीएसटी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. पिछले साल सितंबर में गेम्सक्राफ्ट को अलग से कारण बताओ नोटिस भेजा गया था. कंपनी पर 21,000 करोड़ रुपए की कथित जीएसटी चोरी का आरोप है. हालांकि इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया, वहीं केंद्र सरकार ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की.
बता दें सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन किया है, जिससे 1 अक्टूबर से विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया गया है. जीएसटी परिषद ने अगस्त में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाया जाएगा.
मौजूदा वित्त वर्ष में जीएसटी चोरी के जो मामले सामने आए हैं, उनसे सरकार को 50,000 करोड़ रुपए से अधिक रकम वसूल होने की उम्मीद है. यह रकम पिछले वित्त वर्ष में हुई वसूली से दोगुनी हो सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तक जीएसटी अधिकारियों को 1.36 लाख करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पता चला है. जिनमें से 14,108 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं.