माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कर रिटर्न के आकलन को लेकर करदाता और अधिकारी के आमने-सामने आये बिना जांच व्यवस्था शुरू करने में कुछ समय लग सकता है. जीएसटी नेटवर्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. करदाता और कर अधिकारी के आमने-सामने आये बिना (फेसलेस) आकलन की व्यवस्था सबसे पहले आयकर विभाग ने शुरू की थी. बाद में सीमा शुल्क विभाग ने इसे अपनाया। ‘फेसलेस’ आकलन जांच में कर अधिकारी और करदाता आमने-सामने नहीं आते और इसमें दस्तावेज को भौतिक रूप से पेश करने की भी जरूरत नहीं होती.
जीएसटी नेटवर्क के उपाध्यक्ष (सेवा) जगमाल सिंह ने यहां उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि हमें जीएसटी में ‘फेसलेस’ आकलन शुरू करने में कुछ समय लग सकता है. जीएसटी आकलन एक विशेष क्षेत्राधिकार अधिकारी या इकाई से जुड़ा हुआ है. इसे बदलने में कुछ समय लग सकता है. इसे प्रभावी बनाने के लिये नीतिगत स्तर पर कुछ बदलावों की भी जरूरत होगी.
जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया. इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्यवर्धित कर (वैट) और उपकर सहित 17 स्थानीय शुल्क शामिल किये गये हैं.