नई दिल्ली. 5 फरवरी (पीटीआई)
मौजूदा समय में करीब 2 लाख टैक्स केसेज का मूल्यांकन आयकर की फेसलेस असेसमेंट(faceless assessment) स्कीम में किया जा रहा है. इसमें लगभग 35000 मामलों का समाधान कर लिया गया है. ये जानकारी सीबीडीटी के चीफ पीसी मोदी ने दी. उन्होंने बताया कि सरकार ऐसे कदम उठा रही है जिससे टैक्सपेयरस की समस्याओं का आसानी से समाधान किया जा सके. रिटर्न फाइलिंग फॉर्म में भी ज्यादा इनफार्मेशन उपलब्ध कराई जा रही है. टैक्सपेयरस के लिए बेहतर सेवाओं को देने के लिए ही फेसलेस असेसमेंट स्कीम को शुरू किया गया है. सीबीडीटी चीफ ने पीटीआई को बताया कि “मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि पहले चरण में हमने योजना (faceless assessment ) के तहत कुछ 58,000 मामले आवंटित किए थे और इसमें बाद में करीब 1.20 लाख मामलों को जोड़ा गया था। बताया कि अब तक वह इस स्कीम में 35 हजार से अधिक मामलों को पूरा करने में सफल रहे हैं. अब मुश्किल से 1000 मामले बचे हुए हैं. बाकी के मामलों को बंद कर दिया गया है.
सीबीडीटी चीफ ने कहा कि फेस असेसमेंट स्कीम में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि करदाता को उसकी टैक्स से रिलेटेड समस्या के समाधान के लिए एसेसिंग अधिकारी के सामने जाने की जरूरत नहीं पड़े. उन्होंने बताया कि इस स्कीम से टैक्सपेयर को काफी राहत मिली है. बताया कि अभी तक ये योजना बहुत सफल रही है. वहीं व्यक्तिगत सुनवाई के लिए टैक्सपेयर्स को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कनेक्ट कर दिया जाएगा. फेसलेस असेसमेंट स्कीम में टैक्सपेयर्स को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए टैक्स डिपार्टमेंट के चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं है. बताया कि आईटीआर में थर्ड पार्टी के बारे में जानकारी मिलती है. टैक्सपेयर्स के पास इन कॉलमों में उपलब्ध कराई जा रही बातों की पुष्टि, खंडन या संशोधन करने का ऑप्शन होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण के दौरान घोषणा की थी कि आयकर रिटर्न में और अधिक डिटेल भी पहले से भरी जाएगी. टैक्सपेयर्स के लिए व्यवस्था को और आसान बनाने के लिए सैलरी इनकम, टैक्स पेयमेंटस और टीडीएस का डिटेल पहले से ही आयकर रिटर्न में दिया गया है.