ELSS: एक तीर से दो निशाने- ऐसे मिलता है पैसे लगाने वालों को 'डबल' फायदा

ELSS टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड है. इन फंड्स का 80 फीसदी निवेश इक्विटी यानि शेयर्स में होता है. ठीक जैसे म्यूचुअल फंड्स में रिटर्न मिलता है.

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एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी है जो पोटेंशियल रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग को जोड़ती है. किसी भी निवेश को चुनने से पहले, एक निवेशक को अपने फाइनेंशियल गोल की पहचान करनी चाहिए

एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी है जो पोटेंशियल रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग को जोड़ती है. किसी भी निवेश को चुनने से पहले, एक निवेशक को अपने फाइनेंशियल गोल की पहचान करनी चाहिए

क्या इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी ? इसका जवाब है कभी हां कभी ना. क्योंकि, हर MF से तो टैक्स नहीं बचेगा लेकिन एक खास तरह के MF – इक्विटी लिंकड सेविंग स्कीम (ELSS) के ज़रिए आप टैक्स बचा सकते हैं. इस निवेश पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. अगर इस फाइनेंशियल ईयर में अभी तक 80C के सारे इंवेस्टमेंट नहीं हुए हैं तो दो महीने का वक्त अभी भी है. या फिर 1 अप्रैल 2021 से नए फाइनेंशियल ईयर के लिए इसमें निवेश कीजिए और डबल फायदा ले सकते हैं.

ELSS कैसे दिलाता है ‘डबल’ फायदा?
ELSS टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड है. इन फंड्स का 80 फीसदी निवेश इक्विटी यानि शेयर्स में होता है. ठीक जैसे म्यूचुअल फंड्स में रिटर्न मिलता है, वैसे ही आपको ELSS इंवेस्टमेंट पर भी रिटर्न मिलता है. लेकिन, म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट पर कोई टैक्स छूट आपको नहीं मिलती. और यहीं ELSS- साधारण म्यूचुअल फंड्स से अलग है. आप इस फंड में जितना पैसा लगाएंगे उस पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. चाहे आप SIP (छोटे-छोटे किस्त) करें या एकमुश्त रकम अदा करें, आप निवेश की रकम को अपने इनकम से कम करके 80C डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं.

लॉक-इन का ख्याल रखें
टैक्स बचाने वाले ELSS फंड में 3 साल का लॉक-इन होता है. लेकिन, इस लॉक इन को निवेश के पहले ठीक से समझ लें. स्मार्ट एक्यूमेन कंसल्टिंग के धनंजय बंथिया के मुताबिक, अगर आप एक ही बार में लंपसम निवेश कर देंगे तो तीन साल के बाद आप निकाल सकते हैं लेकिन अगर आप SIP के ज़रिए इंस्टॉलमेंट में निवेश करेंगे तो हर SIP तीन साल के साइकिल में मैच्योर होगा. तीन साल के बाद हर एक महीने एक SIP मैच्योर हो रही होगी. अगर राजेश ने ELSS में जनवरी 2018 में शुरू किया और हर महीने 5000 रुपए का निवेश करते हैं तो जनवरी 2018 की SIP जनवरी 2021 में रीडिम हो पाएगी. वहीं, फरवरी 2018 की SIP फरवरी 2021 में मैच्योर होगी.

धनंजय के मुताबिक, वो इंवेस्टर्स को सलाह देते हैं कि ELSS में तभी निवेश करें जब आपको उन पैसों की 5-7 साल तक कोई जरूरत न हो. इसे रिडीम करने के लिए आपकी स्ट्रैटेजी ये होनी चाहिए कि जब फंड के 4 साल पूरे हों तो पहले साल के पेमेंट को निकाल लीजिए. फिर 5वें साल में दूसरे साल का पैसा निकाल सकते हैं. इससे आप कैपिटल गेन टैक्स भी बचा पाएंगे. क्योंकि, अगर गेन्स 1 लाख से ज्यादा होगा तो 10% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भी देना होगा.

टैक्स छूट के लिए क्या करेंगें?
आपको हर साल का स्टेटमेंट आफ पेमेंट दिखाना होगा कि आप ELSS में कर रहें हैं .

क्या ELSS से बेहतर PPF में निवेश होगा?
ये सवाल इसलिए उठता है कि PPF पूरी तरह टैक्स-फ्री है और ELSS में एक लाख रूपए से ज्यादा के गेन्स पर LTCG टैक्स लग जाता है . लेकिन ELSS का फायदा ये है कि इसमें आपको PPF से बेहतर रिटर्न मिलेगा . PPF पर इस क्वार्टर में 7.1% का ब्याज मिल रहा है और ELSS बाज़ार के हिसाब से आपको 10-12% देता है . लॉक इन के मामले में PPF में 15 साल का लंबा लॉक इन होता है.

Published - February 22, 2021, 03:00 IST