ईमानदार टैक्सपेयर्स ने महामारी में भरा देश का खजाना, सरकार को मिले ₹9.45 लाख करोड़

2020-21 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो बजट में संशोधित अनुमान से 5 फीसदी ज्यादा है.

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Pic Courtesy : PTI

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टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर है. 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष (2020-21) में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो बजट में संशोधित अनुमान से 5 फीसदी ज्यादा है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष पी सी मोदी ने कहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2020-21 में पर्याप्त IT रिफंड जारी करने के बावजूद संशोधित अनुमानों से अधिक टैक्स कलेक्शन किया है.

इसमें अहम बात ये भी है कि कॉरपोरेट टैक्स के मुकाबले पर्सनल इनकम टैक्स का कलेक्शन ज्यादा रहा है. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 4.57 लाख करोड़ रुपये था, जबकि नेट पर्सनल इनकम टैक्स 4.71 लाख करोड़ रुपये रहा. सरकार को 16,927 करोड़ रुपये सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शंस टैक्स (STT) से मिले.

संशोधित अनुमानों से 5 फीसदी अधिक रहा कलेक्शन
आम बजट के संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2020-21 के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के रूप में 9.05 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया था. इस तरह टैक्स कलेक्शन संशोधित अनुमानों से 5 फीसदी ज्यादा रहा, लेकिन 2019-20 में तय किए गए लक्ष्य से 10 फीसदी कम रहा. मोदी ने कहा कि विभाग ने कागजी कार्रवाई के बोझ को कम करने और बेहतर करदाता सेवाएं मुहैया कराने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसका असर पिछले वित्त वर्ष के टैक्स कलेक्शन में दिखाई दिया है.

42 फीसदी ज्यादा किया टैक्स रिफंड
पिछले वित्त वर्ष में ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.06 लाख करोड़ रुपये था. रिफंड के रूप में 2.61 लाख करोड़ रुपए देने के बाद, नेट ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा. रिफंड जारी करने में इससे पिछले साल के मुकाबले 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली. मोदी ने कहा, हम चाहते हैं कि पूरी प्रणाली अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी हो. मूल विषय जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह है ईमानदार-पारदर्शी कराधान को लागू करना. जो मुझे कठिन समय के बावजूद भरोसा देता है कि हम वर्तमान लक्ष्यों को भी पूरा कर पाएंगे.

विवाद से विश्वास योजना से 54 हजार करोड़ का समाधान
उन्होंने आगे कहा कि विवाद से विश्वास योजना (Vivad Se Vishwas scheme) के तहत अब तक लगभग 54,000 करोड़ रुपये का समाधान किया गया है. इस योजना के तहत भुगतान की अंतिम तिथि 30 अप्रैल है.

उन्होंने कहा, एक-तिहाई विवादों को इस योजना के तहत सुलझा लिया गया है. मुझे नहीं लगता कि इस तरह की किसी अन्य योजना की कोई जरूरत है.

Published - April 9, 2021, 04:33 IST