कुछ नामी वाणिज्यिक कोचिंग सेंटरों की ओर से की गई टैक्स चोरी पर माल और सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (DGGI) ने नजरें टेढ़ी कर ली है. विभाग ने 2020-21 और 2021-22 में कोचिंग संस्थानों की ओर से की गई लगभग 850 करोड़ की टैक्स चोरी की जांच शुरू कर दी है. DGGI जल्द ही इस मामले में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है.
अधिकारियों के अनुसार, डीजीजीआई ने जनवरी 2023 में जांच शुरू की और देश भर के सभी बड़े और मध्यम स्तर के कोचिंग सेंटरों के लेनदेन की जांच कर रही है. मामला नामांकन की संख्या की गलत घोषणा और संग्रह के बाद सरकारी खजाने में टैक्स का भुगतान न करने से संबंधित है. विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर कर चोरी का पता लगाया है. इसमें कम से कम 145 बड़े और मध्यम स्तर के वाणिज्यिक कोचिंग सेंटर जांच के दायरे में हैं.
जांच के दायरे में इन शहरों के कोचिंग सेंटर
सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का पता लगाया है. लिस्ट में अकादमिक, मेडिकल, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं, आईईएलटीएस और जीआरई की तैयारी कराने वाले परीक्षण केंद्र शामिल हैं. ये कोचिंग सेंटर दिल्ली, मुंबई, कोटा, कोलकाता, चंडीगढ़, चेन्नई, कोयंबटूर और कई अन्य टियर-2 शहरों में स्थित हैं. इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं, हालांकि जांच पूरी न होने तक कोचिंग सेंटरों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है.
जांच में सामने आई ये बातें
अधिकारियों के मुताबिक कई कोचिंग सेंटरों ने अपने विद्यार्थियों से ट्यूशन फीस पर 18% की दर जीएसटी ली, लेकिन इसे टैक्स विभाग में जमा नहीं किया. वहीं कुछ मामलों में कोचिंग सेंटरों ने टैक्स छूट के तहत रिटर्न दाखिल किया. कई मामलों में उन्होंने ट्यूशन फीस पर जीएसटी एकत्र किया और बाद में इसे छात्रों को छूट के रूप में माफ कर दिया और ऐसे छात्रों का रिकॉर्ड नहीं रखा गया था. विभाग के मुताबिक यह सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के तहत धारा 132 (1) (डी) के प्रावधानों का उल्लंघन है. इसके अलावा विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों से कमाई में बेमेल का भी पता चला है.