दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 16वें केंद्रीय वित्त आयोग के गठन से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर केंद्रीय कर पूल में दिल्ली की ‘लगभग ठहरी’ हिस्सेदारी की ओर इशारा करते हुए मांग की है कि दिल्ली को एक विशिष्ट मामले की तरह लिया जाना चाहिए.
केंद्र पर दिल्ली के साथ ‘सौतेला और अनुचित’ व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि करों के केंद्रीय पूल में दिल्ली की हिस्सेदारी पिछले 23 साल से आश्चर्यजनक रूप से काफी कम यानी 350 करोड़ रुपये पर स्थिर है। उन्होंने सीतारमण को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘अगर दिल्ली के साथ निष्पक्ष तरीके से व्यवहार किया गया होता तो उसका हिस्सा 7,378 करोड़ रुपये होता।’’
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पिछले कुछ साल से ‘अत्यधिक अन्यायपूर्ण व्यवहार’ का सामना कर रहा है और उसे केंद्र सरकार से कुछ भी नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि (केंद्रशासित प्रदेश होने के कारण)दिल्ली का नाम वित्त आयोग की ‘नियम-शर्तों’ से हटा दिया गया है लिहाजा यह कर हस्तांतरण के दायरे में नहीं आता है और इस वजह से इसके साथ अन्य राज्यों की तरह व्यवहार नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दिल्ली एक विशेष मामला है और इसमें राज्य का चरित्र भी है। दिल्ली अन्य राज्यों के समान ही अपने वित्त का प्रबंधन करती है।’’केजरीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया कि वे दिल्ली को एक ‘विशिष्ट मामला’ मानें और इसे 16वें वित्त आयोग के कर हिस्सेदारी वितरण के नियम-शर्तों में शामिल करें।
Published - July 26, 2023, 08:51 IST
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