1 अप्रैल से अब ITR फॉर्म में काफी सारी जानकारियां पहले से भरी होंगी. ITR फॉर्म में टैक्सपेयर्स की सैलरी की जानकारी, टैक्स पेमेंट, TDS जैसी जानकारियां पहले से मौजूद हैं, जिससे कंप्लायंस का बोझ कम हो. अब टैक्सपेयर्स के लिस्टेड सिक्योरिटीज से कैपिटल गेन टैक्स, डिविडेंड इनकम और बैंकों, पोस्ट ऑफिस से मिलने वाले ब्याज की जानकारी भी पहले से भरी होगी. इस कदम से टैक्स रिटर्न भरना अब ज्यादा आसान हो जाएगा.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आकलन वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म (ITR फॉर्म) अधिसूचित कर दिया है. COVID महामारी के कारण चल रहे संकट को ध्यान में रखते हुए और करदाताओं की सुविधा के लिए, पिछले वर्ष के ITR फॉर्म की तुलना में ITR फॉर्म में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया है. आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधनों के कारण सिर्फ मामूली बदलाव किए गए हैं.
आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल रूप हैं जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं को कवर करते हैं. 50 लाख रुपए तक की आय वाले, जो वेतन, घर की संपत्ति/अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से कमाई करता है उसे सहज फॉर्म भरना होगा. ITR 4 सुगम फॉर्म उन व्यक्तियों, HUFs और कंपनियों (LLP के अलावा) के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, उनके पास एकल अधिकार वाली एक आवासीय संपत्ति है, कारोबार या पेशे से आय हो रही है और इसकी सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE या ब्याज आय के तहत गणना होती है, फैमिली पेंशन आदि है और कृषि से 5000 रुपS तक की आय हो रही है.
ऐसे इंडिविजुअल और HUF, जिनकी किसी बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम नहीं है, वो (और सहज को दाखिल करने के लिए योग्य नहीं है) आईटीआर -2 दाखिल कर सकते हैं, जबकि व्यवसाय या पेशे से आय रखने वाले व्यक्ति आईटीआर फॉर्म-3 दाखिल कर सकते हैं. इंडिविजुअल, HUF और कंपनियों के अलावा अन्य व्यक्ति अर्थात साझेदारी फर्म, LLPs आदि आईटीआर फॉर्म 5 दाखिल कर सकते हैं. कंपनियां आईटीआर फॉर्म 6 फाइल कर सकती हैं. ट्रस्ट, राजनीतिक दल, धर्मार्थ संस्थाएं जो आयकर अधिनियम के तहत दावा करती हैं आईटीआर-7 फाइल कर सकती है. पिछले साल की तुलना में आईटीआर फॉर्म भरने के तरीके में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अधिसूचित आईटीआर फॉर्म उपलब्ध हैं http://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/226336.pdf.
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