इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने के लिए आए दो नए फॉर्म

CBDT ने जारी किया ITR-2 और ITR 3, इस बार आईटीआर-2 में कुछ बदलाव भी किए गए हैं

इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करने के लिए आए दो नए फॉर्म

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आईटीआर-2 और आईटीआर-3 फॉर्म जारी कर दिए हैं. ये उनके लिए जिनके पास कुछ खास प्रकार की आय होती है. ये व्यक्तियों सहित कई संस्थाओं के लिए भी होते हैं. ऐसे लोगों को वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए इन फॉर्मों के जरिए अपना आईटीआर दाखिल करना जरूरी है. इसे दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2024 है. वहीं जिन करदाताओं को आयकर ऑडिट कराना होता है और जिनकी व्यावसायिक आय है, उन्हें 31 अक्टूबर, 2024 तक ITR-3 दाखिल करना होगा.

किसे भरना होगा ITR-2?

आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार ऐसे व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) जिनके पास व्यवसाय या किसी पार्टनरशिप फर्म से मिलने वाले ब्याज, वेतन, बोनस, कमीशन या पारिश्रमिक के जरिए कोई लाभ व आय न मिल रही हो, उन्‍हें ये फॉर्म भरना होगा. साथ ही किसी अन्य व्यक्ति जैसे पति/पत्नी, नाबालिग बच्चे आदि की आय को यदि उनकी इनकम के साथ जोड़ा जाए तो ऐसे लोगों को आईटीआर-2 भरना होगा.

ITR-2 में किए गए हैं बदलाव

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर-2 में कुछ बदलाव किए गए हैं. नए नियमों के मुताबिक, आईटीआर-2 फॉर्म भरने के लिए लीगल एंटिटी आइडेंटिफायर (LEI) का विवरण देना होगा. एलईआई एक 20 अंकों का यूनिक कोड होता है. यह ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में आपकी पहचान कर सकता है. साथ ही किसी राजनीतिक दल को दिए गए चंदे का पूरा विवरण और विकलांग व्यक्ति के मेडिकल ट्रीटमेंट में हुए खर्च का विवरण भी को ऑडिट में दिखाना पड़ेगा. इसके जरिए ही टैक्स ऑडिट कराने के लिए व्यक्ति या एचयूएफ भी ईवीसी के साथ आईटीआर को वेरिफाई कर सकते हैं.

ITR-2 के लिए जरूरी दस्‍तावेज

– वेतनभोगी व्यक्तियों को फॉर्म 16 की कॉपी लगानी होगी.

– अगर किसी ने एफडी या बचत बैंक खातों पर कोई ब्याज हासिल किया है और टीडीएस काटा गया है तो उन्‍हें फॉर्म 16ए यानी टीडीएस प्रमाणपत्र की जरूरत होती है.

– वेतन और अन्य आय पर टीडीएस के सत्यापन के लिए भी फॉर्म 26AS की आवश्यकता होती है.

– यदि किसी व्यक्ति ने अपनी किराए की रसीदें जमा नहीं की हैं और वह किराए के मकान में रह रहा है, तो उसके पास किराए की रसीदें होनी चाहिए.

– यदि किसी व्यक्ति या एचयूएफ को शेयरों या एक्‍सचेंजों से कोई पूंजीगत लाभ कमाया है, तो वार्षिक लाभ/हानि विवरण की डिटेल जरूरी है

– अगर आपको अपने घर व प्रॉपर्टी से किराया प्राप्त हुआ है, तो आपको गृह संपत्ति से आय की गणना करने के लिए अपने किरायेदार / स्थानीय कर भुगतान / उधार ली गई पूंजी पर ब्याज विवरण की जरूरत होगी.

– यदि आप चालू वर्ष के दौरान हुए किसी नुकसान का दावा करना चाहते हैं, तो आपको नुकसान को दर्शाने वाले जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी.

– यदि आप पिछले वर्ष के नुकसान का दावा करना चाहते हैं, तो आपको उक्त नुकसान का खुलासा करते हुए पिछले वर्ष से संबंधित आईटीआर-वी की एक कॉपी लगानी होगी.

– आपको धारा 80सी, 80डी, 80जी, 80जीजी के तहत कर बचत कटौती का दावा करने के लिए दस्तावेजों या प्रमाणों की भी आवश्यकता होगी. इनमें जीवन और स्वास्थ्य बीमा रसीदें, दान रसीदें, किराए की रसीदें, ट्यूशन फीस की रसीदें आदि शामिल हैं.

किन्‍हें दाखिल करना होगा आईटीआर-3?

आयकर विभाग के अनुसार, आईटीआर-3 फॉर्म का उपयोग व्यक्ति या एचयूएफ सहित कोई संस्था कर सकती है. ये फॉर्म उनके लिए है जिसकी आय व्यापार या पेशे से होने वाले लाभ से जुड़ी होती है.

Published - February 2, 2024, 01:47 IST