लैपटॉप पर घर खरीदने के लिए प्रोजेक्ट सर्च करता महेश, इस दौरान उसकी नजर पड़ी एक लिंक पर- जिसमें लिखा था- पिता से लोन लेकर घर खरीदने पर टैक्स बेनेफिट मिलेगा. घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे महेश के दिमाग में सवाल गूंजा- क्या सही में ऐसा होता है. बैंक की जगह पिता से होम लोन लेकर भी टैक्स छूट मिल सकती है? कंफ्यूजन क्लियर करने के लिए महेश पहुंचा एक सीनियर, अशोक के पास.
महेश- अशोक सर मुझे आपसे एक चीज पूछनी है…
अशोक- हां बोलो
महेश- सर क्या father होम लोन दे सकता है…
अशोक- तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो…
महेश- मैं घर लेने के लिए इंटरनेट पर प्रोजेक्ट और होम लोन के बारे में पढ़ रहा था… तब मुझे पता चला कि पिता से होम लोन लिया जा सकता है…
अशोक- हां ले सकते हो…
महेश- क्या इस पर नॉर्मल होम लोन की तरह ही टैक्स बेनेफिट मिलेगा?
महेश के इस सवाल का जवाब इस खबर में ढूंढते हैं. आजकल ज्यादातर घर लंबी अवधि के कर्ज यानी होम लोन के सहारे खरीदे जाते हैं. होम लोन के लिए बस आपको बैंक में अप्लाई करना होता है. कुछ लोगों को किसी वजह से लोन नहीं भी मिल पाता है. या फिर कुछ लोग ज्यादा ब्याज नहीं देना चाहते हैं. ऐसे लोग अपने पिता, किसी रिश्तेदार यहां तक कि दोस्त से होम लोन लेकर मकान खरीद सकते हैं. यही नहीं, टैक्स छूट भी ले सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.
घर बनाने या खरीदने के लिए आमतौर पर आप बैंक से होम लोन लेते हैं. जिसके एवज में हर महीने किस्त यानी EMI भरनी होती है. EMI में दो हिस्से शामिल होते हैं, पहला लोन का प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन और दूसरा लोन की रकम पर ब्याज यानी इंटरेस्ट. आयकर कानून के तहत, होम लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट पर सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन मिलता है. 80C में अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक का डिडक्शन लिया जा सकता है. वहीं, सेक्शन 24 के अधीन, लोन के ब्याज पर डिडक्शन का फायदा उठाया जा सकता है. लोन की EMI भरने पर इन दोनों रकम को इनकम यानी कमाई से घटा दिया जाता है. इससे आपकी कमाई घट जाती है और उस पर लगने वाला टैक्स कम हो जाता है.
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत, EMI में शामिल प्रिसिंपल रीपेमेंट पर टैक्स कटौती का दावा करने के लिए कुछ विशेष संस्थाओं से होम लोन लिया होना चाहिए. इनमें केंद्र या राज्य सरकार, को-ऑपरेटिव बैंक समेत कोई भी बैंक, LIC, नेशनल हाउसिंग बैंक, हाउसिंग कंपनी, घर बनाने के लिए लोन देने वाली कोई को-ऑपरेटिव सोसायटी, आपका नियोक्ता यानी कंपनी, जो पब्लिक कंपनी या पब्लिक सेक्टर कंपनी होनी चाहिए और यूनिवर्सिटी आदि शामिल हैं. इनसे लोन लेने पर प्रिंसिपल अमाउंट के लिए डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
चूंकि महेश सेक्शन 80C में बताए गए संस्थानों की जगह अपने पिता से होम लोन लेने की सोच रहे हैं. इस स्थिति में उन्हें सेक्शन 80C के तहत, होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट चुकाने पर कोई इनकम टैक्स छूट नहीं मिलेगी.
अब बात करते हैं EMI के दूसरे हिस्से यानी ब्याज की. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 (b) के तहत, होम लोन लेने के एवज में चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपए तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. सेक्शन 24 (b) में सेक्शन 80C जैसी कोई बाध्यता नहीं है. इसलिए सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी के मामले में सालाना 2 लाख रुपए तक के ब्याज के लिए डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. अगर प्रॉपर्टी खुद के इस्तेमाल में न होकर किराए पर उठी है तो कितना डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. ये जानते हैं एक्सपर्ट से.
सवाल-1)- जिस प्रॉपर्टी को पिता से होम लोन लेकर खरीदा गया है वो सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी नहीं है बल्कि लेटआउट है तो ब्याज पर कितना डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है?
ब्याज की इस कैलकुलेशन को उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए महेश अपने पिता से 25 लाख रुपए का होम लोन 9.5 फीसदी के ब्याज पर 10 साल के लिए लेते हैं. इस पर उनकी EMI 32,349 रुपए बनेगी. एक साल में वो अपने पिता को 1,57,430 रुपए प्रिंसिपल और 2,30,762 रुपए ब्याज के तौर पर वापस करेंगे. प्रिंसिपल पेमेंट के 1 लाख 57 हजार रुपए पर 80C के तहत उन्हें कोई छूट नहीं मिलेगी. ब्याज के 2 लाख 30 रुपए में से वो 2 लाख रुपए सेक्शन 24 (b) में डिडक्शन के लिए क्लेम कर पाएंगे. इसी तरह बाकी के 9 साल के लिए भी सिर्फ ब्याज ही क्लेम कर सकेंगे.
सवाल-2)- पिता से होम लोन लेने पर ब्याज क्लेम करने के लिए टैक्सपेयर्स को किस तरह की formalities यानी कागजी कार्यवाही की जरूरत पड़ेगी? कागजी कार्यवाही न होने पर क्या इनकम टैक्स विभाग टैक्सपेयर से पूछताछ कर सकता है या इनकम टैक्स का नोटिस भेज सकता है?
होम लोन लेने से पहले ये जान लें कि आप अपने पिता को ब्याज के रूप में जो पैसा देंगे. उसे उनकी कमाई माना जाएगा. ब्याज से हुई कमाई को उन्हें अपने इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना होगा. आपके पिता की कुल कमाई जिस टैक्स स्लैब में आएगी उस हिसाब से उन्हें ब्याज की रकम पर टैक्स देना पड़ेगा.
महेश की तरह अगर आप भी घर खरीदने की सोच रहे हैं तो पिता, रिश्तेदार या फिर दोस्त से लोन ले सकते हैं. यही नहीं, लोन के ब्याज पर टैक्स छूट भी ले सकते हैं. अगर आप इंटरेस्ट-फ्री लोन लेते हैं यानी जिसमें कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है तो ऐसे लोन पर किसी तरह की टैक्स छूट नहीं मिलेगी.