इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से टैक्स चोरी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यही वजह है कि इंश्योरेंस कंपनियों के ऊपर जीएसटी चोरी के मामले में निगरानी लगातार जारी है. डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस यानी DGGI ने जीएसटी चोरी के मामले में अभी तक 15 कंपनियों की जांच पूरी कर ली है और अभी तक 3,500 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट में गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं. जीएसटी की जांच एजेंसी के द्वारा इस साल नवंबर तक कुल 30 इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ जांच पूरी किए जाने की संभावना है. डीजीजीआई की ओर से बाकी 15 और कंपनियों को नोटिस भेजा जा रहा है. वहीं जिन मामलों में जांच पूरी हो चुकी है, उनमें अधिकांश बकाया टैक्स पहले ही वसूल किया जा चुका है.
नवंबर तक पूरी हो जाएगी जांच
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि DGGI को 30 इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ जीएसटी चोरी किए जाने की जानकारी मिली थी, जिसमें से 15 कंपनियों की जांच पूरी हो चुकी है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि बाकी 15 अन्य इंश्योरेंस कंपनियों की जांच नवंबर तक पूरी हो जाएगी. बता दें कि 24 जनवरी को आयकर विभाग के द्वारा भी इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ टैक्स चोरी को लेकर जांच की गई थी. इंश्योरेंस सेक्टर की बड़ी एचडीएफसी लाइफ ने 23 जून को बताया था कि उसे डीजीजीआई की ओर से कारण बताओ नोटिस मिला था, जिसमें जुलाई 2017 से लेकर वित्त वर्ष 2022 के लिए 942 करोड़ रुपए टैक्स की मांग की गई थी. एचडीएफसी लाइफ ने फिलहाल 250 करोड़ रुपए जमा करा दिए हैं.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने 190 करोड़ रुपए जमा कराए
वहीं 26 जून को आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ को भी डीजीजीआई की ओर से 492 करोड़ रुपए जमा करने को कहा गया था. कंपनी का कहना है कि उसने इस संबंध में कोई लाइबिलिटी स्वीकार किए बगैर 190 करोड़ रुपए जमा किए हैं. डीजीजीआई के अधिकारियों का कहना है कि बची हुई 15 कंपनियों से पेनल्टी और ब्याज को जोड़कर 3,500 करोड़ रुपए से ज्यादा के इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला सामने आ सकता है.