संपत्तिकर जमा नहीं करने वालों की अब खैर नहीं. दिल्ली नगर निगम अब नियमित तौर पर प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करने वालों पर सख्ती दिखाने वाला है. ऐसे लोगों को विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए पकड़ेगा. दरअसल, अब एआई ऐसे लोगों पर नजर रखेगा जो संपत्तिकर जमा नहीं करते हैं और अपनी आवासीय संपत्ति का कमर्शियल उपयोग कर रहे हैं. कई लोग ऐसे हैं जो अपनी आवासीय संपत्ति पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा रखा है. ऐसे लोगों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी.
नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि कई लोग ऐसे हैं जो कागजों पर अपने घर को आवासीय संपत्ति बता रखा है और उसका कमर्शियल उपयोग कर रहे हैं. अब इन लोगों से कमर्शियल टैक्स वसूला जाएगा. नगर निगम ऐसे लोगों की पहचान कर बड़ी संख्या में लोगों को मेसेज के जरिए संपत्ति कर न जमा करने के मामले में नोटिस भेजा जाएगा. इतना ही नहीं, नगर निगम अब कमर्शियल के साथ-साथ आवासीय संपत्तियों की भी जियो टैगिंग करेगा, ताकि वसूली में सुविधा हो सके.
नगर निगम चलाएगा अभियान
नगर निगम इसके लिए 100 दिन का अभियान चलाएगा. हर जोन के 50 से ज्यादा कर्मचारी इस अभियान को चलाएंगे. इस अभियान के तहत दो सप्ताह के अंदर निगम इस तरह के संपति वाले मालिकों को हर दिन 1000 नोटिस भेजेगा. दरअसल, फिलहाल नगर निगम को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 2400 करोड़ रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स मिलता है जिसे वभाग अब बढ़ाना चाहता है. विभाग का लक्ष्य अब हर वर्ष तीन हजार करोड़ रुपए तक संपत्ति कर जमा करने की है. ताकि इससे विभाग शहर में बुनियादी ढांचों पर काम कर सके.
12 लाख संपत्तियों की होती है वसूली
विभाग ने इस साल अब तक ऐसे मालिकों की पहचान कर कार्रवाई भी की है. कई ऐसे संपत्ति हैं जिन पर 3 करोड़ रुपए तक संपत्तिकर बकाया था. विभाग ने जियो टैगिंग के लिए जून 2023 में मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है, जिस पर अधिक संख्या में संपत्ति करदाताओं को जोड़ने पर काम किया जा रहा है. निगम दिल्ली भर में लगभग 12 लाख संपत्तियों से संपत्तिकर वसूलता है, जिनमें करीब तीन लाख व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं.
Published August 21, 2023, 13:15 IST
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