विदेशी गेमिंग कंपनियों को जीएसटी भुगतान को लेकर भारत सरकार ने पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में टैक्स चोरी करने वाली कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 71 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. जिसमें उनसे 1,12,332 करोड़ रुपए वसूले जाने हैं. यह जानकारी मंगलवार को राज्यसभा में सांसद सुशील कुमार मोदी की ओर से कर चोरी पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दी.
पंकज चौधरी ने कहा कि इन नोटिस पर अंतिम निर्णय लेना अभी बाकी है. संबंधित जीएसटी मांग अभी तक सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के तहत निर्धारित नहीं की गई है. उन्होंने यह भी बताया कि 1 अक्टूबर से देश में विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 28% जीएसटी लगाए जाने के बाद से कोई नई कंपनी रजिस्टर्ड नहीं हुई है. जीएसटी जांच महानिदेशालय ने पिछले बकाए के भुगतान को लेकर कई कंपनियों पर कार्रवाई भी की है. जिसमें ड्रीम11 और गेम्स24×7 सहित कई कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि गेम्सक्राफ्ट को 21,000 करोड़ रुपए के जीएसटी नोटिस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक मामला भी चल रहा है.
संसद में पूछे गए एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए पंकज चौधरी ने बताया कि टैक्स अधिकारियों ने अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच 1.51 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का पता लगाया है. जबकि 18,541.38 करोड़ रुपए की वसूली की है. टैक्स चोरी के मामले में 154 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. वहीं FY20 से अक्टूबर 2023 तक के बीच 4.46 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का पता लगाया है, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है.
फर्जी पंजीकरण पर विशेष अभियान के दौरान कुल 21,791 संस्थाएं ऐसी पाई गई, जिन्होंने फर्जी रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन हकीकम में इनका कोई अस्तित्व नहीं है. इन पर 24,010 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का आरोप है. इसमें राज्य कर क्षेत्राधिकार से संबंधित 11,392 इकाइयां शामिल हैं, जिनमें 8,805 करोड़ रुपए की राशि शामिल है और 15,205 करोड़ रुपए की संदिग्ध कर चोरी के साथ सीबीआईसी क्षेत्राधिकार से संबंधित 10,399 इकाइयां शामिल हैं.
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