परिवार का भविष्य सुरक्षित बनाने के लिए बचत को सबसे महत्व दिया जाता है. लेकिन जब महंगाई चरम पर हो तो बचत कैसे होगी. इन्हीं सवालों का जवाब लेकर ‘भारत की जेब का सर्वे’ एक बार फिर हाजिर है. मनी9 के ताजा सर्वे में सामने आया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल बचत करने वाले परिवारों की संख्या बढ़ी है. 2022 के सर्वे के मुताबिक जहां 70 फीसदी परिवार बचत करते थे, वहीं 2023 में बचत करने वाले परिवारों की संख्या बढ़कर 88 फीसदी हो गई है.
परिवारें में बचत के बढ़ने का प्रमुख कारण कारोना भी है. कोरोना के असर लोगों की कमाई पर दिखाई दिया. कोरोना के बाद लोगों को समझ आया कि उनके पास भविष्य के लिए सेविंग नहीं थी. इसलिए कोरोना का असर घटते ही लोगों ने बचत बढ़ाना शुरू कर दी है.
एक ओर जहां बचत करने वाले परिवारों की संख्या बढ़ी है, वहीं भारतीयों के बीच बचत के तरीकों में भी बदलाव आया है. इस बार के आंकड़ों में सामने आया है बैंक में पैसा रखने वालों की संख्या 2022 के मुकाबले 64 फीसदी से बढ़कर 88 फीसदी हो गया है. बैंकों में बचत बढ़ने का एक कारण जमा पर मिलने वाला ज्यादा ब्याज है. इसके अलावा इसका एक कारण इस साल आया रिजर्व बैंक का एक फैसला हो सकता है. मई में रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोटों को वापस बैंकों में जमा करने की घोषणा की थी. जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर में रखे नोट बैंकों में जमा किए हैं.
सर्वे में एक आंकड़ा वास्तव में उत्साह बढ़ाने वाला है. इस बार के सर्वे में सामने आया है कि परिवार अब ज्यादा बीमा खरीद रहे हैं. यह बदलाव कोरोना के बाद देखने को मिला है. पिछले साल जहां 19 फीसदी परिवार बीमा खरीदते थे. वहीं 2023 के सर्वे में पता चला है कि 27 फीसदी परिवारों ने बीमा पर भरोसा जताया है. इसलिए बीमा का आंकड़ा तेजी से बढ़ता दिखा है.
बचत में एक नया ट्रेंड डाकघर की बचत योजनाओं में देखने को मिला है. डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में बचत करने वाले परिवारों की संख्या 21 फीसदी से बढ़कर 31 फीसदी हो गई है. इसका एक अहम कारण ये है कि छोटी बचत योजनाएं डाकघर से चलती हैं. वहीं इसमें ब्याज भी अच्छा मिलता है. इसके अलावा सोने में निवेश करने वाले परिवारों की संख्या भी 15 फीसदी से बढ़कर 21 फीसदी हो गई है.
आपकी जेब का सबसे बड़ा सर्वे
यह सर्वे प्रतिष्ठित ग्लोबल एजेंसी RTI इंटरनेशनल ने किया है. यह एजेंसी वर्ल्ड बैंक जैसे बड़े संस्थानों के लिए इस तरह के सर्वे करती आई है. मनी 9 जैसा सर्वे भारत में आम तौर पर या तो रिजर्व बैंक या नैशनल सैंपल सर्वे ऑफ इंडिया कराता है. लेकिन इन दोनों ही संस्थाओं का सबसे ताजा सर्वे, मनी9 के सर्वे से बहुत पुराना है. मौजूदा हालात पर मनी9 का सर्वे ही भारतीयों की आर्थिक सेहत की सबसे सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है.