भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. ये तो आपको पता होगा. लेकिन कोई देश कितना ताकतवर है, यह इस बात से पता चलता है कि उस देश के परिवार खुद को आर्थिक रूप से कितना सुरक्षित मानते हैं. मनी9 का सर्वे इस बारे में अहम जानकारी लेकर आया है, जो आपको और देश की सरकार को भी चौंका सकता है.
सर्वे यह बताता है कि अधिकतर भारतीय परिवार आर्थिक तौर पर सुरक्षित नहीं हैं. सिर्फ 6 फीसद परिवार ऐसे हैं जो पूरी तरह से आर्थिक तौर पर सुरक्षित हैं, वहीं करीब 20 फीसद परिवार कम सुरक्षित है. इसके अलावा 36 फीसद परिवार आर्थिक तौर पर असुरक्षित हैं और 38 फीसद परिवार ऐसे हैं जो संकट में हैं. सर्वे का एक आंकड़ा यह भी बताता है कि 7 फीसद भारतीय परिवार ऐसे हैं जिनकी मासिक कमाई में उनका महीने का खर्च पूरा नहीं होता.
10 भाषाओं में 35 हजार से ज्यादा भारतीय परिवारों के इस सर्वे में पता चला है कि बिहार, ओडिशा, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य हैं जहां पर भारतीय परिवारों की मासिक कमाई सबसे कम है. सर्वे के मुताबिक भारत के 39 फीसद परिवार ऐसे हैं जिनकी मासिक कमाई 15 हजार रुपए से भी कम है.
सर्वे ने यह जानने का भी प्रयास किया है कि देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच नौकरीपेशा लोगों का अधिकतर वर्ग ऐसा भी है जिस नौकरी जाने का डर बना रहता है. देश के 20 राज्यों के 115 जिलों में भारतीय परिवारों पर हुए हुए मनी9 के पर्सनल फाइनेंस सर्वे के मुताबिक नौकरीपेशा लोगों में 24 नौकरी जाने का बहुत ज्यादा डर हमेशा बना रहता है, इसके अलावा 56 फीसद लोग ऐसे हैं जिनमें नौकरी जाने का डर तो है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. यानी देश के 80 फीसद लोग नौकरी जाने के डर में जी रहे हैं. सिर्फ 20 फीसद लोग ऐसे हैं जिनको नौकरी जाने का कोई डर नहीं है.
सर्वे के मुताबिक जिन 24 फीसद लोगों को नौकरी जाने का सबसे ज्यादा डर है उनका कहना है कि उनके पास इतनी बचत है कि नौकरी जाने पर वे 6 महीने तक गुजारा कर सकते हैं, इसी तरह जिन 56 फीसद लोगों नौकरी जाने का ज्यादा डर नहीं है उनके पास इतनी बचत है कि 2-3 महीने तक बिना नौकरी के गुजारा कर सकते हैं.