सोमवार को शेयर बाजार निवेशकों ने एक ट्रेलर देखा. फूड डिलिवरी कंपनी जैमैटो का शेयर 11 फीसद से ज्यादा टूट गया. कंपनी के प्री IPO निवेशकों का लॉकइन पीरियड खत्म होते ही 613 करोड़ शेयर बिकने के लिए बाजार में आ गए. जोमैटो के इस ट्रेलर ने शेयर निवेशकों को डरा दिया है क्योंकि दर्जनभर और कंपनियां है जिनके प्री IPO निवेशकों का लॉकइन पीरियड अगले एक महीने में खत्म हो रहा है और डर है कि 25 जुलाई के ट्रेलर के बाद महीनेभर वैसी ही पिक्चर न चल पड़े.
जिन कंपनियों के लॉकइन पीरियड अगले एक महीने में खत्म हो रहे हैं उनमें सिर्फ 3 कंपनियां ऐसी हैं जिनके शेयर का भाव इश्यु प्राइस से ऊपर है. तत्व चिंतन फार्मा, रोलेक्स रिंग्स और देवयानी इंटरनेशनल के IPO निवेशकों को ही फायदा हो रहा है जबकि 8 कंपनियों के शेयर जोमैटो की तरह इश्यु प्राइस से बहुत नीचे चल रहे हैं और इन्हीं के निवेशक ज्यादा डरे भी हैं. इन कंपनियों में कार ट्रेड जैसे स्टार्टअप भी शामिल हैं.
लॉकइन पीरियड खत्म होने पर प्री IPO निवेशकों की तरफ से कंपनी के शेयर बेचना, उस कंपनी में रिटेल निवेशकों का भरोसा भी कम करता है. रिटेल निवेशकों में संदेश जाता है कि जब कंपनी के प्रोमोटर और कर्मचारियों को ही कंपनी की ग्रोथ में भरोसा नहीं तो क्यों उसमें पैसा लगाया जाए. पिछले साल शेयर बाजार में स्टॉर्टअप कंपनियों के IPO की बाढ़ आई हुई थी.
कई स्टार्टअप कंपनियों को कीर्ति गाथाएं बताई जा रही थी और कई कंपनियों को भविष्य की रिलायंस और TCS कहा जा रहा था. इसे सुनकर कई रिटेल निवेशकों ने IPO में पैसा लगाया था और अब फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं. पेटीएम और जोमैटो का हाल तो और भी डरा रहा है. 52 हफ्ते की ऊंचाई से पेटीएम का शेयर 64 फीसद नीचे है. स्टार्टअप्स में फंडिंग सूखने की खबरें भी अब चारों तरफ है. ऐसे में ये कंपनियां पैसा लगाने के लिए निवेशकों की पंसद नहीं रह गई हैं.