शेयर बाजार में क्यों ढेर हो गए अदानी के शेयर?

अदानी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया

शेयर बाजार में क्यों ढेर हो गए अदानी के शेयर?

‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) के अदानी समूह पर उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए उसके शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश करने का आरोप लगाने के बाद कंपनी के शेयरों में बृहस्पतिवार को गिरावट आई. अदानी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है.

ग्रुप की इन कंपनियों के शेयर लुढ़के
बीएसई पर अदानी ग्रीन एनर्जी का शेयर 4.43 फीसद गिरकर 927.65 रुपए पर आ गया, जिसका बाजार पूंजीकरण 1.47 लाख करोड़ रुपए है. अदानी पावर का शेयर 3.82 प्रतिशत गिरकर 315.85 रुपए पर आ गया. अदानी एंटरप्राइजेज का शेयर 3.56 प्रतिशत गिरकर 2,424 रुपए पर और अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 3.18 प्रतिशत गिरकर 814.95 रुपए पर आ गया. बीएसई पर अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईज़ेड) 2.75 प्रतिशत गिरकर 796.50 रुपए पर, अदानी टोटल गैस 2.74 प्रतिशत गिरकर 634.60 रुपए पर, एनडीटीवी 2.69 प्रतिशत गिरकर 213.30 रुपए पर और अदानी विल्मर 1.83 प्रतिशत गिरकर 362.20 रुपए प्रति शेयर पर आ गया. एसीसी के शेयर 3.15 प्रतिशत गिरकर 1,937.10 रुपए पर और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 2.84 प्रतिशत गिरकर 431.60 रुपए पर आ गए.

जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा वित्त पोषित संगठन ने ऐसे समय में आरोप लगाए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था. इन आरोपों के बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी. कई ‘टैक्स हेवन’ की फाइलों और अदानी समूह के कई आंतरिक ईमेल की समीक्षा का हवाला देते हुए ओसीसीआरपी ने कहा कि उसकी जांच में कम से कम दो मामले पाए गए जहां ‘‘अस्पष्ट’’ निवेशकों ने ऐसी विदेशी इकाइयों के जरिए अदानी के शेयर खरीदे व बेचे. ‘टैक्स हेवन’ उन देशों को कहते हैं जहां अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम कर लगता है.

ओसीसीआरपी ने दावा किया कि नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग नामक दो लोगों के अडानी परिवार के साथ लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं और उन्होंने गौतम अदानी के बड़े भाई विनोद अदानी से जुड़ी समूह कंपनियों आदि में निदेशक तथा शेयरधारक के रूप में भी काम किया है. ओसीसीआरपी ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने विदेशी इकाइयों के जरिए कई वर्षों तक अदानी के शेयर खरीदे व बेचे और इससे काफी मुनाफा कमाया. उनकी भागीदारी अस्पष्ट है. उसने आरोप लगाया कि दस्तावेजों से पता चलता है कि उनके निवेश की प्रभारी प्रबंधन कंपनी ने गौतम अदानी के बड़े भाई विनोद अदानी की कंपनी को उनके निवेश में सलाह देने के लिए भुगतान किया था.

अदानी समूह ने आरोपों का किया खंडन
अदानी समूह ने एक बयान में स्पष्ट रूप से इनका खंडन करते हुए कहा कि इसमें पुराने आरोपों को अलग तरीके से दोबारा पेश किया गया. समूह ने इसे ‘‘ बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों का एक प्रयास’’ घोषित किया. बयान में कहा गया कि ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी. एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे. समूह ने कहा कि मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया. स्पष्ट रूप से, चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था, इसलिए धन के हस्तांतरण को लेकर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है.

Published - August 31, 2023, 03:11 IST