दुनिया भर के निवेशकों का ध्यान खींचने वाले कई इंडेक्स हैं. इन्हीं में से एक है FTSE यानी फाइनेंशियल टाइम्स स्टॉक एक्सचेंज इंडेक्स. इस इंडेक्स को दुनिया भर के पैसिव फंड्स ट्रैक करते हैं. अब इस इंडेक्स में बदलाव हुआ है जिसके तहत कुछ शेयरों का वेटेज बढ़ाया या घटाया जाएगा जबकि नए शेयर इंडेक्स में जोड़े जाएंगे. साथ ही पहले से शामिल कुछ शेयरों को हटाया जाएगा. स्टॉक जो जोड़े जाएंगे या जिसका वेटेज बढ़ाया जाएगा उनके शेयरों में पैसा आएगा. वहीं जिन शेयरों में वेटेज घटेगा या इंडेक्स से हटा दिया जाएगा उनसे पैसा बाहर जाएगा. एफटीएसई इंडेक्स में बदलाव के कारण शेयरों में कैसे इनफ्लो और आउटफ्लो दिखेगा इसे लेकर नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट बनाई है.
नुवामा के अनुसार जिन भारतीय कंपनियों के ज़रिए पैसा आएगा इसमें पहले स्थान पर अदानी एंटरप्राइजेज़ है जिसकी वजह से 71 मिलियन डॉलर आएंगे और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड से 68 मिलियन डॉलर आएंगे. तीसरे स्थान पर विप्रो है जिसकी वजह से 32 मिलियन डॉलर आएंगे. सूची में अदानी समूह की चार कंपनियां शामिल हो रही हैं.
जिन कंपनियों के ज़रिए पैसा बाहर जाएगा उसमें सबसे ऊपर है इंफोसिस. इसकी वजह से 34 मिलियन डॉलर बाहर चला जाएगा. एचसीएल टेक और टीसीएस भी सूची का हिस्सा हैं. यह परिस्थिति दिखाती है कि भारतीय आई टी कंपनियां कठिन दौर से गुज़र रही हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कुल मिलाकर यह देखा जा सकता है कि इनफ्लो आउटफ्लो से ज़्यादा है और इसके कारण यह उम्मीद की जा रही है कि भारतीय शेयर बाजार में 15-20 करोड़ डॉलर का निवेश आएगा. हालांकि निवेश के लिहाज़ से इन सभी बदलावों को लेकर Geojit फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़ के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गौरांग शाह कहते हैं कि किसी भी कंपनी में निवेश कंपनी के फंडामेंटल को देखकर करें न कि ये देखकर कि इंडेक्स में शामिल हुआ है या बाहर. अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियों में लंबी अवधि का नजरिया रखकर निवेश करना चाहिए. इंडेक्स में शामिल हुए शेयरों में छोटी अवधि में तेजी देखने को मिल सकती है.