डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?

शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट.

stock market

शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.

डीमैट अकाउंट के प्रकार (टाइप)

डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव काफी सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है. निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. 5पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं.

1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट

एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा (डिपॉजिट) करना चाहते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं. इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो वो आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. यदि आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है.

2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट

यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है, जिसे बाजार नियामक (मार्केट रेगुलेटर) सेबी ने पेश किया है. छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है. 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज (रखरखाव शुल्क) नहीं देना होगा. 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगता है.

3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)

प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता NRI (अनिवासी भारतीयों) के लिए है. इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेशों में भी पैसा भेज सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाते को NRI (Non-Resident External) खाते से जोड़ा जाना चाहिए.

4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-repatriable Demat Account)

अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता भी है. हालांकि इस खाते के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं. ऐसे में इनके चोरी, जालसाजी और नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. डीमैट खातों को कभी भी और कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. बोनस स्टॉक, राइट्स इश्यू, स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं.

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता (अकाउंट) खोल सकते हैं. सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा. यह एक वित्तीय संस्थान, ऑथराइज बैंक या ब्रोकर कोई भी हो सकता है. आप उनके साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को ब्रोकरेज चार्ज, सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए. DP सिलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोलने का फॉर्म, KYC फॉर्म भरना होगा और फिर जमा करना होगा. इसके साथ आपको कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे.

इनमें पैन कार्ड, रेजिडेंस प्रूफ, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. वेरिफिकेशन प्रोसेस (सत्यापन प्रक्रिया) के लिए ओरिजनल कॉपी (मूल प्रति) अपने पास रखें. इसके अलावा आपको बैंक डिटेल देने के लिए एक कैंसिल चेक (रद्द चेक) जमा करना होगा. इसके बाद आपको एग्रीमेंट साइन करना होगा जिसमें रूल और रेगुलेशन के साथ-साथ आपके अधिकारों के बारे में सभी जानकारी होगी. आपको रूल और रेगुलेशन (नियमों और विनियमों) को ध्यान से पढ़ना चाहिए. आजकल कई प्लेटफॉर्म ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने की सुविधा देते हैं. अपने डीमैट की सरल प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आप अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं.

Published - July 27, 2022, 09:30 IST