खत्म हो सकता है LIC के IPO का इंतजार!

नोटिफिकेशन से मौजूदा पॉलिसी में एक पैराग्राफ जोड़ा गया है जिससे LIC में 20 फीसद तक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI की मंजूरी मिल गई है. 

खत्म हो सकता है LIC के IPO का इंतजार!

LIC के IPO का इंतजार अब खत्म हो सकता है. सरकार ने Foreign Exchange Management Act यानी फेमा में संशोधन किया है जिससे कंपनी के IPO में 20 फीसद तक के एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का रास्ता साफ हो गया है. गौरतलब है कि सरकार प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ के जरिए LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास Draft Red Herring Prospectus यानी DRHP दाखिल करना जरूरी होता है. देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी ने फरवरी में यह DRHP दाखिल कर दिया था.

फेमा नियमों में संशोधन से पता चलता है कि LIC का आईपीओ जल्द ही आ सकता है. अलग-अलग खबरों के मुताबिक यह आईपीओ इस महीने के आखिर में या मई के शुरुआती हफ्ते में आ सकता है. पिछले महीने सेबी ने कंपनी की 5 फीसद हिस्सेदारी बेचने के लिए ड्राफ्ट पेपर्स को मंजूरी दे दी थी. इस हिस्सेदारी की कुल कीमत 63,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है.

DRHP के मुताबिक, LIC की इम्बेडेड वैल्यू 30 सितंबर 2021 तक करीब 5.4 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी. इम्बेडेड वैल्यू किसी इंश्योरेंस कंपनी में शेयर धारकों की हिस्सेदारी की कुल वैल्यू है.

आईपीओ में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी का रास्ता साफ करने के लिए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग यानी DPIIT ने 14 मार्च को FDI पॉलिसी में संशोधन किया था. इसके बाद DPIIT ने प्रेस नोट के जरिए प्रावधान जारी किए थे जिन्हें लागू करने के लिए फेमा के नोटिफिकेशन की जरूरत थी. अब सरकार ने यह काम पूरा कर लिया है.

नोटिफिकेशन से मौजूदा पॉलिसी में एक पैराग्राफ जोड़ा गया है जिससे LIC में 20 फीसद तक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI की मंजूरी मिल गई है. LIC का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है. एक बार लिस्ट होने पर, LIC का मार्केट वैल्यूएशन रिलायंस और टीसीएस जैसी कंपनियों के आसपास हो जाएगा.

अब तक 2021 में आया पेटीएम का 18,300 करोड़ रुपए का, 2010 में आया कोल इंडिया का करीब 15,500 करोड़ रुपए का और 2008 में आया रिलायंस पावर का 11,700 करोड़ रुपए का आईपीओ सबसे बड़े आईपीओ रहे हैं.

LIC आईपीओ से जुड़ी एक और अहम खबर यह है कि Abu Dhabi Investment Authority, सिंगापुर की GIC, कनाडा के तीन पेंशन फंड और Qatar Investment Authority ने एंकर इन्वेस्टर्स बनने के लिए आईपीओ में रुचि दिखाई है.

एंकर इन्वेस्टर एक qualified institutional investor होता है. यहQualified institutional investor वह संस्थागत निवेशक होता है जिसके पास पूंजी बाजारों के मूल्यांकन और निवेश की जरूरी विशेषज्ञता और वित्तीय मजबूती होती है. एंकर इन्वेस्टर किसी आईपीओ का शुरुआती निवेशक होता है जो आईपीओ के सार्वजनिक किए जाने से पहले उसमें निवेश करता है.

Published - April 20, 2022, 01:54 IST