देश की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी टाटा स्टील की दिक्कतें और चुनौतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. खासकर कंपनी के यूके के कारोबार को लेकर जोकि टाटा स्टील यूरोप के बिजनेस का हिस्सा है. इन्हीं संकटों की वजह से कंपनी का शेयर बीते एक साल में करीब 13 फीसदी लुढ़का है.
दरअसल, टाटा स्टील ने अपने ब्रिटेन के कारोबार को जारी रखने को लेकर अनिश्चितता की चेतावनी जारी की है. इसकी दो मुख्य वजह हैं. एक बाजार की खराब स्थिति और दूसरा ब्रिटेन की सरकार से मिलने वाला सपोर्ट. पिछले सााल जुलाई में कंपनी ने घोषणा की थी कि कंपनी अगले 12 महीने में यूके के कारोबार को जारी रखने पर फैसला लेगी.. यूके के कारोबार में सबसे बड़ी अनिश्चितता सरकारी सपोर्ट ही है. क्योंकि कंपनी को अपने स्टील उत्पादन की प्रक्रिया नेचुरल गैस और कोयले से बदलकर इलेक्ट्रीसिटी पर शिफ्ट करनी है तांकि कार्बन एमिशन कम किया जा सके यानी decarbonising की जा सके. लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी को सरकार से 30 करोड़ पाउंड की मदद मिलेगी जबिक केवल Port Talbot प्लांट की decarbonising के लिए 3 अरब पाउंड तक का खर्च होगा…..कंपनी ने UK की सरकार से 1.5 अरब पाउंड की मांग की है….सरकारी सपोर्ट को लेकर फैसला इसलिए अहम है क्योंकि टाटा के blast furnaces यानी भट्टियों की मियाद अगले 12-24 महीने में खत्म हो रहा है और इलेक्ट्रिक भट्टियां बनाने में 4-5 साल का समय लगता है.
मुनाफे में गिरावट
वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में टाटा स्टील के कंसो मुनाफे में करीब 84 फीसदी की गिरावट हुई थी….और यूरोपीय कारोबार के मुनाफे में 60 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई थी. आपको बता दें कि कंपनी के Port Talbot प्लांट की 5mtpa की क्षमता है जिसमें 8,000 कर्मचारी हैं. FY23 की दूसरी छमाही में टाटा स्टील यूके ने $15 करोड़ डॉलर का कैशबर्न दर्ज किया है और FY24 में कुल 16,000 करोड़ रुपए के क्षमता विस्तार खर्च में से 700-800 करोड़ रुपए तक का खर्च UK के एसेट्स के रखरखाव पर ही खर्च होगा.