ईरान ने पिछले हफ्ते के अंत में इज़राइल पर जवाबी हमला किया है. जिससे आज हफ्ते के कारोबार के पहले दिन दलाल स्ट्रीट सहित वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट आई. सेंसेक्स और निफ्टी खुलते ही गिर गए. सेंसेक्स (Sensex) 900 अंक से ज्यादा टूटकर खुला तो वहीं Nifty में भी 200 अंकों की ज्यादा गिरावट आई. कारोबार बंद भी गिरावट के साथ हुआ बीएसई सेंसेक्स 845 अंक गिरकर 73399 अंक के लेवल पर बंद हुआ. जबकि NSE निफ्टी 241 अंक गिरकर 22,277 के लेवल पर बंद हुआ. शेयर बाजार में सोमवार को तेज गिरावट से निवेशकों को 5.18 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी.
सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले कुछ दिनों में रिकॉर्ड तोड़ रैलियां देखी गई हैं. लेकिन यह भू-राजनीतिक तनाव आईटी, निर्यात, फार्मा, बैंकिंग और अन्य क्षेत्रों में फैले कई शेयरों को नुकसान पहुंचा सकती है. ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ने से विभिन्न क्षेत्रों के कई घरेलू स्टॉक में गिरावट की आशंका बढ़ गई है.
इन कंपनियों की इजराइल में मौजूदगी
टीसीएस (TCS), इंफोसिस (Infosys), अदानी पोर्ट्स (Adani Ports), सन फार्मा, ल्यूपिन, भारतीय स्टेट बैंक, विप्रो, टेक महिंद्रा, एनएमडीसी, कल्याण ज्वैलर्स, टाइटन और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) जैसी कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन सभी की इजराइल में मौजूदगी है.
बासमती चावल के प्रमुख उपभोक्ता
सिर्फ ये ही नहीं, बल्कि बासमती चावल और चाय का निर्यात करने वाली कंपनियों के शेयर की चाल पर भी ध्यान रखना जरूरी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ईरान, इज़राइल और आसपास के देश बासमती चावल के प्रमुख उपभोक्ता हैं. अगर संघर्ष बढ़ता है तो भारत से निर्यात प्रभावित हो सकता है.
चिंता में चाय निर्यातक
इस बीच, चाय निर्यातक जो इस साल ईरान के साथ अपने व्यापार का विस्तार करना चाह रहे थे, वे भी स्थिति को देखकर घबराए हुए हैं. उन्हें चिंता है कि अगर संघर्ष बढ़ता है तो इससे ईरान को निर्यात बढ़ाने की कोई भी संभावना खत्म हो जाएगी.