शेयर बाजार के लिए 2023 एक यादगार वर्ष रहा. सकारात्मक कारकों के दम पर शेयरों में शानदार तेजी आई और दलाल स्ट्रीट के निवेशकों को इस आल साल अपनी संपत्ति में 80.62 लाख करोड़ रुपये जोड़े.
विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें भारत की मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद, तीन राज्यों में हाल ही में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत से राजनीतिक स्थिरता, आशावादी कॉर्पोरेट आय दृष्टिकोण, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अगले साल तीन संभावित दरों में कटौती को लेकर संकेत देने और भारी खुदरा निवेशकों की भागीदारी ने 2023 में शेयर बाजार में तेजी लाने में अहम भूमिका निभाई.
इस साल 28 दिसंबर तक 30 शेयर वाले बीएसई सेंसेक्स ने 11,569.64 अंक या 19 फीसद की बढ़त हासिल की. इस साल अभी तक बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 80,62,310.14 करोड़ रुपये बढ़कर 3,63,00,558.07 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. बृहस्पतिवार को कारोबार के अंत में बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.
स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा कि भारतीय बाजार ने लचीलेपन का प्रदर्शन किया और व्यापक उभरते बाजारों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों में से एक बनकर उभरा है. उन्होंने कहा कि 2023 न केवल भारतीय शेयर बाजार के लिए एक अच्छा साल रहा, बल्कि खुदरा निवेशकों को भी इस साल मुनाफा हुआ.
न्याति ने कहा, ‘खुदरा निवेशक अब गिरावट के दौरान घबराते नहीं हैं, वे आत्मविश्वास से अपने निवेश को बरकरार रख रहे हैं और भारत की आर्थिक उन्नति के साथ चलने को तैयार हैं.’
भारतीय बाजारों ने इस साल उस समय अपनी उपलब्धियों में और इजाफा किया जब बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन इस साल 29 नवंबर को पहली बार 4000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया.
मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्य चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद निवेशकों में राजनीतिक निरंतरता को लेकर विश्वास बढ़ा है.’ बयान में कहा गया, ‘यह भारत की वृहद तथा नीतिगत गति के लिए अच्छा संकेत है, जिसमें अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे अधिक वृद्धि हो रही है.’
बीएसई सेंसेक्स इस साल 20 मार्च को 52 सप्ताह के निचले स्तर 57,084.91 अंक पर पहुंचने के बाद 28 दिसंबर को 72,484.34 अंक के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इस वर्ष बीएसई सूचकांक ने आठ में मासिक लाभ दर्ज किया, जबकि शेष चार में गिरावट आई. बीएसई सूचकांक नवंबर में 4.87 प्रतिशत उछला, जबकि दिसंबर में अभी तक इसमें आठ प्रतिशत की तेजी आ चुकी है.
बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य निवेश अधिकारी संपत रेड्डी ने कहा, ‘मजबूत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि, मध्यम मुद्रास्फीति, स्थिर रुपये और भारत के मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों ने इस लचीलेपन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वैश्विक स्थितियों में सुधार के साथ-साथ मुद्रास्फीति में नरमी, केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी पर रोक और आय में निरंतर वृद्धि के दम पर भारतीय सूचकांकों में तेजी आई.’
व्यापक बाजार में तेजी ने भी समग्र आशावाद को बढ़ाया। इस साल 28 दिसंबर तक बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 13,455.51 अंक या 46.51 प्रतिशत का उछल आया। वहीं मिडकैप सूचकांक 11,213.69 अंक या 44.29 प्रतिशत चढ़ा.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, ‘भारत में भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन तथा अच्छी कॉर्पोरेट कमाई ने तेजी को बढ़ावा दिया.’
बाजार मूल्यांकन के लिहाज से शीर्ष पांच कंपनियों की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज 17,63,001.81 करोड़ रुपये के साथ पहले नंबर पर है. 13,90,823.72 करोड़ रुपये के बाजार मूल्यांकन के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज दूसरे नंबर पर, एचडीएफसी बैंक 12,94,593.58 करोड़ रुपये के साथ तीसरे, आईसीआईसीआई बैंक 7,05,236.23 करोड़ रुपये के साथ चौथे नंबर पर और इंफोसिस 6,48,713.08 करोड़ रुपये के बाजार मूल्यांकन के साथ पांचवे नंबर पर है.