शेयर बाजार में अगर आने वाले दिनों में भारी गिरावट आती है तो सबसे बड़ा नुकसान छोटे निवेशकों को हो सकता है. बाजार से जुड़े ताजा आंकड़े जो सामने आए हैं वह छोटे निवेशकों के लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं. दरअसल, शेयर बाजार में आई हाल की नरमी के बावजूद डेरिवेटिव मार्केट के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि रिटेल ट्रेडर्स अभी भी तेजी में बैठे हुए हैं. बता दें कि जुलाई के शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने वाला शेयर बाजार पिछले हफ्ते थोड़ा थका-थका सा नजर आया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 20,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को छूने में विफल रहा है और यह 20 जुलाई की रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 1 फीसद टूट चुका है. ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि रिटेल निवेशकों को बाजार में क्या वजह दिखाई पड़ रही है जिससे वह बाजार को लेकर बुलिश हैं.
दूसरी ओर प्राइमइंफोबेसडॉटकॉम से मिले आंकड़ों को मिंट के द्वारा किए गए विश्लेषण से मिली जानकारी के मुताबिक जून 2023 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध शेयरों में खुदरा निवेशकों की कुल हिस्सेदारी 22.1 ट्रिलियन रुपए के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. विश्लेषण में 30 जून तक के उन 1,910 कंपनियों को शामिल किया था, जिनमें खुदरा ट्रेडर्स निवेशित थे.
इंडेक्स फ्यूचर्स
गुरुवार को साप्ताहिक और मासिक कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी पर खुदरा ट्रेडर्स लॉन्ग और शॉर्ट इंडेक्स फ्यूचर्स पोजीशन से बाहर निकल गए. हालांकि लॉन्ग पोजीशन की तुलना में शॉर्ट पोजीशन से निकलने वालों की संख्या करीब पांच गुना ज्यादा थी. ज्यादा मात्रा में शॉर्ट पोजीशन से निकलना उनके बाजार को लेकर बुलिश आउटलुक को दर्शाता है.
स्टॉक फ्यूचर्स
रिटेल ट्रेडर्स स्टॉक फ्यूचर्स में शॉर्ट पोजीशन से निकल रहे हैं, जबकि लॉन्ग पोजीशन पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं. बीते गुरुवार को रिटेल ट्रेडर्स ने 66,000 से ज्यादा शॉर्ट पोजीशन काटे थे, जो कि लॉन्ग पोजीशन के मुकाबले 6 गुना अधिक है. बता दें कि 24 नवंबर के बाद से रिटेल ट्रेडर्स की ओर से शॉर्ट पोजीशन को काटने का सबसे बड़ा आंकड़ा था.
इंडेक्स कॉल-पुट
पिछले हफ्ते रिटेल ट्रेडर्स इंडेक्स कॉल्स के लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशन से निकलते हुए दिखाई दिए, लेकिन फिर वही बात सामने आई है जब ट्रेडर्स लॉन्ग की तुलना में शॉर्ट पोजीशन से ज्यादा निकले हैं. इंडेक्स पुट की जहां तक बात है तो पिछले हफ्ते गुरुवार को रिटेल ट्रेडर्स पुट में लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशन में बराबर मात्रा में निकले हैं. मार्केट एक्सपर्ट अनुज गुप्ता का कहना है कि कंपनियों के सकारात्मक रिजल्ट और अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावना से छोटे ट्रेडर्स का भरोसा बाजार पर बढ़ा है और वे अपना पैसा बाजार में लगा रहे हैं.